ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से बुझ रहे घरों के चिराग
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन सड़क हादसों की वजह बनता है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : भाग दौड़ भरी जिंदगी में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन सड़क हादसों की वजह बनता है। ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर वाहन चलाने वाले अपनी जिदगी के साथ-साथ दूसरों को भी मौत के मुंह में ले जाते हैं। तेज रफ्तार से वाहन चलाना, ओवरटेक करना, इंडीकेटर एवं डिपर ना देना, ओवरलोडिग, वाहन चलाने के दौरान मोबाइल पर बात करना एवं नशे में वाहन चलाना सड़क हादसों की वजह बनता है।
चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे शहरों के मुकाबले ट्रैफिक नियमों के पालन में मिल रही ढील का ज्यादातर लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। हालाकि हर मुख्य सड़क पर ट्रैफिक नियमों के बारे में चेतावनी लिखी होती है लेकिन वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करना अपनी शान समझते हैं। वाहन चालक स्पीड लिमिट की परवाह नहीं करते हैं। ओवरटेक करना तथा वाहन चलाने के दौरान मोबाइल पर बात करना हादसों का मुख्य कारण बनता है।
गलत दिशा में चलने वाले वाहन आगे से आने वाले वाहनों के लिए बेहद खतरनाक साबित होते हैं। नशे में वाहन चलाने वाले तो मौत का सामान साथ लेकर चलते हैं। नाबालिग व अनट्रेंड वाहन चालक भी सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार हैं। बच्चों की जिद के आगे माता-पिता लाचार होकर वाहन चलाने के लिए दे देते हैं तथा ज्यादातर बच्चे तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं।
इसके अलावा बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना, सड़क पर बेतरतीब वाहन खड़ा करना भी जानलेवा हादसों का कारण बनता है। उक्त तमाम नियमों के उल्लंघन पर प्रदेश में अभी कई सख्त प्रावधान है लेकिन इनका पालन सख्ती से नही हो पा रहा है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस नियम तोड़ने पर चालान काटती है लेकिन जब तक सख्ती नही की जाती ट्रैफिक नियमों का सौ फीसदी पालन करवाना मुश्किल है।
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के काटे जाते हैं चालान : सुखविंदर
ट्रैफिक इंचार्ज सुखविदर सिंह का कहना है कि वाहन चलाने के दौरान मोबाइल पर बात करना तथा नशा करके वाहन चलाना हादसों की मुख्य वजह है। इसके अलावा ओवर लोडेड वाहनों से भी हादसे हो रहे हैं। जिला ट्रैफिक पुलिस को 10 दिन के लिए स्पीडो मीटर मिला था। इस दौरान मुख्य सड़कों पर 10 दिनों में ओवर स्पीड के 133 चलान किए है। इसके अलावा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करन के रोजाना लगभग 40 से 50 चलान काटे जाते हैं।