पंजाब में 20 शहर सतलुज व ब्यास नदियों को कर रहे प्रदूषित, हालत हुए खतरनाक

पंजाब के आठ जिलों के 20 शहर सतलुज व ब्यास दरिया को प्रदूषित कर रहे हैं। इन शहरों से निकलने वाला पानी इन नदियों में गिर रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 01:54 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:03 PM (IST)
पंजाब में 20 शहर सतलुज व ब्यास नदियों को कर रहे प्रदूषित, हालत हुए खतरनाक
पंजाब में 20 शहर सतलुज व ब्यास नदियों को कर रहे प्रदूषित, हालत हुए खतरनाक

कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। प्रदेश के आठ जिलों के 20 शहरों की विभिन्न नगर कौंसिलों, नगर निगमों व नगर पंचायतों के क्षेत्रों से निकलने वाला गंदा पानी सतलुज व ब्यास दरिया को प्रदूषित कर रहा है। इसके अलावा ढाई हजार फैक्टरियों एवं अस्पतालों का गंदा पानी भी दोनों दरिया में मिल रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा बुधवार को पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने से राज्य के कुदरती जलस्रोतों के साफ होने की उम्मीद तो जगी है।

संत सीचेवाल ने कहा, अब फैक्टरियों का भी निरीक्षण कर एनजीटी को रिपोर्ट देंगे

एनजीटी की ओर से बनाई गई निगरानी कमेटी के सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि अब वह फैक्टरियों का भी निरीक्षण कर एनजीटी को रिपोर्ट देंगे। इस संबंध में सर्वे किया जाएगा। एनजीटी द्वारा लगाए जुर्माने से पर्यावरण प्रेमियों का हौसला बढ़ा है। सीचेवाल की तरफ से दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक सतलुज को दूषित करने में सबसे बड़ी भूमिका औद्योगिक शहर लुधियाना की है।

संत सीचेवाल की रिपोर्ट में लुधियाना प्रदूषण फैलाने में सबसे आगे

लुधियाना के बलोके के 152 व 105 एमएलडी के दोनों ट्रीटमेंट प्लांटों में सिर्फ 40 एमएलडी पानी ही ट्रीट हो रहा है। बाकी का सारा पानी बुड्ढा नाले से होकर दरिया में जा रहा है। भट्टिया ट्रीटमेंट प्लांट चल तो रहा है लेकिन इसका पानी बाईपास होकर सीधे सतलुज में जा रहा है, जिसमें ज्यादा उद्योगों का गंदा पानी है। जमालपुर का ट्रीटमेंट खराब पड़ा है।

पानी सीधे बुड्ढा नाले के जरिए दरिया में डाला जा रहा है। इनके अतिरिक्त लुधियाना के महावीर कंपलेक्स ताजपुर रोड, फोकल प्वाइंट, गीता कालोनी, टिब्बा चौक, गुरुद्वारा गऊघाट, डीएमसी अस्पताल, लार्ड कृष्णा आयुर्वेदिक कालेज, रामशरण मंदिर आदि के पास से दरिया में सीधे गंदा पानी जा रहा है।

ये शहर भी फैला रहे प्रदूषण

लुधियाना के अलावा कीरतपुर साहिब, श्री आनंदपुर साहिब, होशियारपुर, बरारी नंगल, निक्कू नंगल, शाम चौरासी, मुकेरियां, टांडा, दसूहा आदि का भी गंदा पानी नदियों में लगातार गिर रहा है। जालंधर की बस्ती पीरदाद, फोलड़ीवाल, लैदर कम्पलेक्स, काला संघिया ड्रेन, नकोदर, नूरमहल, फिल्लौर, मोगा, धर्मकोट, जगराओं, रोपड़ आदि शहर नदियों को प्रदूषित करने में पीछे नही हैं। कपूरथला शहर के अलावा, भुलत्थ, बेगोवाल, हदियाबाद, फगवाड़ा शहर, सुल्तानपुर लोधी, नवांशहर, बंगा, मक्खू, जीरा व तलवंडी भाई का गंदा पानी भी दोनों दरियाओं को प्रदूषित कर रहा है।

क्षमता 135, पानी बहता है 300 लीटर

इस संबंध में संत सीचेवाल का कहना है कि राज्य में लगे 44 ट्रीटमेंट प्लांट 135 लीटर प्रति व्यक्ति की क्षमता के लिए डिजाइन किए गए हैं, जबकि औसतन 300 लीटर पानी बहता है। इस कारण समय से पहले ही ट्रीटमेंट प्लांट ओवरलोड हो जाते हैं।

हिमाचल भी कर रहा नदियों को प्रदूषित

संत सीचेवाल की तरफ से एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश के कई शहरों व फैक्टरियों का गंदा पानी भी सतलुज व ब्यास दरिया में बिना किसी रोकटोक गिर रहा है। इसके चलते पिछले कुछ सालों से पंजाब में दाखिल हो रहे दरियाओं का पानी ए से बी ग्रेड हो गया है।

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