बिना खाद जमीन में उगा 19 फीट लंबा गन्ना

सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर निवासी किसान बलबीर सिंह ने बिना खाद 19 फीट लंबे गन्ने का उत्पादन किया

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:45 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:45 PM (IST)
बिना खाद जमीन में उगा 19 फीट लंबा गन्ना
बिना खाद जमीन में उगा 19 फीट लंबा गन्ना

जागरण संवाददाता, कपूरथला : दस माह की मेहनत के बाद करीब 19 फीट लंबे गन्ने का उत्पादन कर किसान बलबीर सिंह काफी उत्साहित है। उन्होंने गन्ने की खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं किया। अन्य किसान भी बलबीर सिंह से गन्ने की फसल लगाने के गुर सीख रहे हैं।

सुल्तानपुर लोधी तहसील के गांव जैनपुर निवासी किसान बलबीर सिंह पंजाब आ‌र्म्ड पुलिस से इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत हुए है। इसके बाद घरेलू बगीची व सब्जी की खेती में जुट गए। रिवायती खेती का ज्यादातर कार्य बलबीर सिंह के छोटे भाई सुखदेव सिंह देखते है। बलबीर सिंह खुद सब्जियों व फलों की काश्त में खुद को व्यस्त रखते हैं। सब्जी की पैदावार इतनी होती है कि आस पड़ोस के लोग भी उनकी उगाई सब्जियां खाते हैं।

इस रुचि के चलते उन्हें गन्ना पैदा करने का जनून पैदा हो गया। साल 2021 में उन्होंने खेतों में गन्ना बीजने के साथ साथ हवेली में शौक के तौर पर गन्ने की बिजाई कर दी और बिना किसी रासायनिक खाद का इस्तेमाल किए वह करीब 19 फीट लंबा गन्ना उत्पादित करने में सफल हुए। बिना खाद के गन्ने की फसल पैदा करने में लागत भी कम आया है।

बलबीर सिंह का कहना है बिना खाद के उत्पादित गन्ने का रस व शक्कर बेहद गुणकारी होता है। वह इस गन्ने को सिर्फ रस निकालने के लिए इस्तेमाल करते हैं। बलबीर सिंह ने बताया कि गन्ने की बिजाई से पहले खेत में गोबर की खाद डाली गई। इसके बाद गन्ने की फसल में किसी भी रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया गया। पेराई का सत्र शुरू होने तक इस गन्ने की लंबाई व मोटाई अभी ओर भी बढ़ेगी।

बलबीर सिंह का कहना है कि उन्हें शुगर की शिकायत हुई थी जिसके चलते उन्होंने कसरत करने का जरिया खेतों को चुना। वह शौक के तौर पर सब्जियों की काश्त करते हैं। बलबीर सिंह कबड्डी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे है और वह पुलिस विभाग में ट्रेनर रहे हैं।

कोट्स

बिना रसायनिक खादों के उत्पादित किया गया गन्ना स्वास्थ के लिए बेहद लाभकारी है। किसान बलबीर सिंह की ओर से 19 फीट लंबा गन्ना पैदा करने की कोशिश सराहनीय है।

डा. सतवीर सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विज्ञान केंद्र

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