कोरोना के कारण बाहर नहीं जाना तो कोई बात नहीं, दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर देखें लाइव दशहरा

दशहरा का विजय मुहूर्त सर्वकार्य सिद्धिदायक होता है। मान्यता है कि शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए इसी समय निकलना चाहिए। विजय मुहूर्त में गाड़ी इलेक्ट्रानिक सामान आभूषण व वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है। इस मुहूर्त में कोई भी नया काम किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।

By Edited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 03:59 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:19 AM (IST)
कोरोना के कारण बाहर नहीं जाना तो कोई बात नहीं, दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर देखें लाइव दशहरा
शहर में दशहरा कमेटियां कहीं भी रावण का पुतला दहन नहीं करेंगी। (File Photo)

जालंधर, जेएनएन। दशहरा पर्व पर हर साल आप परिवार के साथ मैदान में रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन देखने जाते थे, लेकिन कोरोना के कारण इस बार ऐसा नहीं हो सकता है। शहर में दशहरा कमेटियां कहीं भी रावण का पुतला दहन नहीं करेंगी। इस कारण पुतला कारीगरों का कारोबार भी बहुत कम हुआ। जिन्होंने उत्साह में पुतले बना लिए, उनके लिए इसे बेचना मुश्किल हो गया।

सेंट्रल टाउन के सुशांत को तो पहली बार रावण के पुतले की सेल लगानी पड़ी। हालांकि हम जानते हैं कि दशहरा को लेकर आपका उत्साह कम नहीं है। आपके इसी उत्साह को बरकरार रखने के लिए दैनिक जागरण खास आपके लिए अपने फेसबुक पेज पर लाइव दशहरा उत्सव दिखाएगा। आप घर बैठे सरकारी टीचर ट्रेनिंग कालेज के ग्राउंड में होने वाले श्रीराम पूजा का लाइव दर्शन कर सकेंगे। यह लाइव शाम 4.30 बजे से किया जाएगा।

विजयदशमी पूजा का शुभ मुहुर्त दशमी तिथि प्रारंभ : 25 अक्टूबर सुबह 7:41 बजे

दशमी तिथि समाप्त : 26 अक्टूबर सुबह 8:59 बजे 

-विजय मुहूर्त: 25 अक्टूबर दोपहर 1:57 से 2:42 बजे तक

-कुल अवधि: 45 मिनट

-पूजा का समय: दोपहर 1:12 से 3:27 बजे तक

-कुल अवधि: 2 घटे 15 मिनट

- मुहूर्त का महत्व

दशहरा का विजय मुहूर्त सर्वकार्य सिद्धिदायक होता है। मान्यता है कि शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए इसी समय निकलना चाहिए। विजय मुहूर्त में गाड़ी, इलेक्ट्रानिक सामान, आभूषण व वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मुहूर्त में कोई भी नया काम किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। इस दिन शस्त्र पूजा के साथ ही शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। साथ ही रावण दहन के बाद थोड़ी सी राख को घर में रखना शुभ माना जाता है।

(हिंदी पंचांग के अनुसार)

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