बाबा निधान सिंह स्कूल में मनाया विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस

संत बाबा निधान सिंह पब्लिक स्कूल करतारपुर में बुधवार को प्रिसिपल की अध्यक्षता में पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:48 PM (IST)
बाबा निधान सिंह स्कूल में मनाया विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस
बाबा निधान सिंह स्कूल में मनाया विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस

संवाद सहयोगी, करतारपुर : संत बाबा निधान सिंह पब्लिक स्कूल करतारपुर में बुधवार को प्रिसिपल कवलजीत कौर की देखरेख में आनलाइन विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया गया। इस दौरान बच्चों को प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया तथा निबंध, कला, भाषण एवं कविता उच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने प्रकृति संरक्षण पर अपने-अपने विचार रखे।

प्रिसिपल कवलजीत कौर ने बताया कि कला प्रतियोगिता में मानवी, एकमजोत, सुखदीप एवं गुरसाहब ने पहला, दूसरा व तीसरा स्थान हासिल किया। कविता उच्चारण में एकमजोत ने पहला, रमनप्रीत ने दूसरा व अर्षप्रीत ने तीसरा स्थान पाया। भाषण प्रतियोगिता में किरनजोत ने पहला, नवजोत ने दूसरा व युवराज ने तीसरा स्थान हासिल किया। स्कूल प्रबंधक कमेटी के प्रधान डा. चरण सिंह एवं चेयरपर्सन सुरिदर कौर ने विजेता बच्चों को बधाई दी।

वहीं सेंट सोल्जर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया। इसके तहत अध्यापकों और शिक्षकों ने पौधारोपण किया। वाइस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने कहा कि वृक्ष ही मनुष्य जीवन का आधार हैं। यह मनुष्य की हजारों जरूरतों को पूरा करते हैं। पेड़-पौधे न हों तो धरती पर हमारा जीवन असंभव है। इसलिए धरती को बचाने, पर्यावरण शुद्धता तथा ग्लोबल वार्मिग से बचने के लिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिएं। उन्होंने संस्था के सभी विद्यार्थियों को पौधारोपण से प्रकृति संरक्षण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।

लायलपुर खालसा कालेज (एलकेसी) ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया। प्रिसिपल डा. गुरपिदर सिंह समरा की अध्यक्षता में पर्यावरण संभाल मुहिम के तहत कैंपस में पौधे लगाए गए।

उन्होंने कहा कि जलवायु में निरंतर बदलाव आ रहा है। इससे धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है। इसका हल अधिक से अधिक पौधे लगाकर ही किया जा सकता है। मौजूदा समय में देश में कम से कम 150 करोड़ पेड़ लगाने की जरूरत है। तभी पेड़ों की बदौलत वातावरण, धरती और जीवन को बचाया जा सकता है।

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