देसी शराब बनी ठेकेदारों के लिए सोने की खान

50 डिग्री वाली देसी शराब का एक क्वार्टर (पव्वा) अधिकतम 58 रुपये की कीमत पर बेचा जा सकता है लेकिन जालंधर के शराब ठेकों पर यह सरेआम 100 रुपये में बेचा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 01:29 AM (IST)
देसी शराब बनी ठेकेदारों के लिए सोने की खान
देसी शराब बनी ठेकेदारों के लिए सोने की खान

जागरण संवाददाता, जालंधर

50 डिग्री वाली देसी शराब का एक क्वार्टर (पव्वा) अधिकतम 58 रुपये की कीमत पर बेचा जा सकता है, लेकिन जालंधर के शराब ठेकों पर यह सरेआम 100 रुपये में बेचा जा रहा है। ऐसे में देसी शराब के क्वार्टर शराब ठेकेदारों के लिए सोने की खान बनते जा रहे हैं। देसी शराब आबकारी विभाग की तरफ से तय की गई कीमत से कई गुना महंगी बेची जा रही, लेकिन आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग में ही ज्यादा खपत होने के चलते इसका पता ही नहीं चलने दिया जा रहा। ऐसा ही कुछ हाल 65 डिग्री वाली देसी शराब का भी है, जिसमें विभाग की तरफ से क्वार्टर की अधिकतम कीमत 75 रुपये निर्धारित की गई है, लेकिन इसे 120 रुपये में बेचा जा रहा है। खास यह है कि अधिकतर दिहाड़ीदारों की तरफ से ही देसी शराब खरीदी जाती है और वह क्वार्टर खरीदने को ही अधिमान देते हैं और शराब ठेकेदार उन्हीं क्वॉर्टरों की बिक्री में चांदी कूट रहे हैं।

शराब ठेकेदारों की तरफ से ठेकों के भीतर बकायदा तौर पर शराब की कीमत के बोर्ड प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें देसी शराब की कीमत में अंतर साफ देखा जा सकता है। विभाग की ओर से 50 डिग्री देसी शराब के रेट

बोतल तय दाम बेची जा रही

हाफ बोतल 118 160

पूरी बोतल 231 290

65 डिग्री वाली देसी शराब

बोतल तय दाम बेची जा रही

हाफ बोतल 154 200

बोतल 304 340

यह है कानून

आबकारी विभाग की तरफ से देसी शराब की अधिकतम एवं अंग्रेजी शराब की न्यूनतम कीमत बिक्री के लिए तय की जाती है और शराब ठेकेदारों को इसी के मुताबिक ही शराब की बिक्री करनी होती है। ग्रामीण एवं मजदूर वर्ग में ज्यादा प्रचलित होने की वजह से देशी शराब का कोटा लगभग 60 फीसद है।

हालांकि ठेकेदार खुद बोर्ड लगाने के बावजूद शराब निर्धारित कीमत से ज्यादा बेचने को स्वीकार नहीं कर रहे हैं तर्क यह दिया जा रहा है कि सरकार ने कोविड-19 टैक्स लगा दिया था उसी की वजह से प्रति बोतल 10 रुपये कीमत में इजाफा हुआ है।

ऐसे लोगों के चालान काटे जाएंगे : डीईटीसी

जालंधर जोन के डीईटीसी जसपिदर सिंह ने कहा कि पॉलिसी के मुताबिक ही देसी शराब बिक्री के अधिकतम रेट निर्धारित किए गए हैं। तय किए गए रेट से ज्यादा महंगी शराब नहीं बेची जा सकती है। उन्होंने कहा कि तत्काल टीमें बनाकर शराब ठेके चेक करवाए जाएंगे और जो भी ठेकेदार ओवरचार्जिंग करता पाया गया, उसका चालान काटा जाएगा।

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