मां बगलामुखी धाम में यज्ञ में डाली आहूति, संचालक भारद्वाज बोले- देश और धर्म के लिए छोड़नी होगी संकीर्ण सोच

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि हमें बचपन से ही ऐसा वातावरण मिलता है कि सांसारिक सुख माया मोह के बंधन में जकड़े रहते हैं। हमें मानव चोला क्यों मिला हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है इसे भूल जाते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 02:27 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 02:27 PM (IST)
मां बगलामुखी धाम में यज्ञ में डाली आहूति, संचालक भारद्वाज बोले- देश और धर्म के लिए छोड़नी होगी संकीर्ण सोच
गुलमोहर सिटी में मां बगलामुखी धाम में यज्ञ करवाते हुए संचालक नवजीत भारद्वाज। जागरण

जालंधर, जेएनएन। वीरवार को लम्मा पिंड चौक स्थित गुलमोहर सिटी में मां बगलामुखी धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित्त माला जाप कर मुख्य यजमान दिनेश शारदा से पूजा-अर्चना करवाई। इसके बाद यज्ञ में आहुतियां डलवाईं।

यज्ञ में उपस्थित मां भक्तों को आहुति डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने कहा कि आधुनिक युग में भगवान की भाव भक्ति, भजन कथा होने के बावजूद लोगों में संसार से वैराग्य का भाव नहीं आता। भगवान के विग्रहों का दर्शन करने के बावजूद उनसे सजीव जुड़ाव नहीं हो पाता। माता-पिता अपने बाधाओं का परित्याग साधु-संत या गुरु  चरणों की सेवा के लिए नहीं करते। समाज, देश, धर्म की सेवा के बजाय लोग अपने परिवार के पालन पोषण तक ही सीमित रह जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों है। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि हमें बचपन से ही ऐसा वातावरण मिलता है कि सांसारिक सुख, माया, मोह के बंधन में जकड़े रहते हैं। हमें मानव चोला क्यों मिला, हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है, इसे भूल जाते हैं। आत्मकल्याण के लिये भजन-पूजन न कर समय बर्बाद कर देते हैं। संतों के उपदेशों का गहराई से मनन नहीं करते और व्यर्थ कार्यों में ही पूरा जीवन बिता देते हैं।

संकीर्ण सोच के साथ देश और धर्म की रक्षा कैसे होगी

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि हमारी सोच संकीर्ण होगी तो धर्म और देश की रक्षा कैसे होगी। हमारी यह धारणा हैं कि साधु और सैनिक पैदा तो हों लेकिन पड़ोसी के घर में। ऐसे हम कैसे सुरक्षित रह पायेंगे। धर्म की रक्षा के लिए संत और देश की रक्षा के लिए सैनिक हम समाज को नहीं देगे तो हमारा अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। एक छोटा सा देश ईजराइल आज इसीलिए सशक्त है कि वहां के लोगों में अपने धर्म और देश के प्रति अटूट लगाव है। उन्होने अपील की कि संकीर्णता का भाव त्यागें तथा धर्म और देश के लिये त्याग की भावना को प्रबल करें। 

इस अवसर पर समीर कपूर, मोहित बहल, अशोक शर्मा,एडवोकेट राज कुमार, रोहित बहल, बावा जोशी, राजेंद्र सहगल, गुलशन शर्मा, संजीव शर्मा, विक्रम भसीन, विक्रांत शर्मा, गुरबाज सिंह, गोपाल मालपानी, राजेश महाजन, अमरेंद्र शर्मा, राघव चढ्ढा, अश्विनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, मोहित बहल, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, साबी, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, राजन पठानीया,पंकज, पप्पू, दीपक,बावा पनीर,प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।  

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