Wedding Season Starts: नवंबर और दिसंबर में 6-6 शुभ विवाह मुहूर्त, बाजारों में लौटने लगी रौनक

20 जुलाई को चातुर्मास के शुरू होने के साथ ही शादी सहित शुभ कार्यों पर ब्रेक लग गई थी। बाजारों में भी वीरानगी छा गई थी। फेस्टिवल सीजन के बाद अब वेडिंग सीजन के कारण बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 01:45 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 03:25 PM (IST)
Wedding Season Starts: नवंबर और दिसंबर में 6-6 शुभ विवाह मुहूर्त, बाजारों में लौटने लगी रौनक
चतुर्मास संपन्न होने के बाद देवउठनी के साथ ही वेडिंग सीजन शुरू हो गया है। सांकेतिक चित्र।

शाम सहगल, जालंधर। चतुर्मास संपन्न होने के बाद देवउठनी के साथ ही वेडिंग सीजन शुरू हो गया है जो 14 दिसंबर तक जारी रहेगा। नवंबर और दिसंबर में भी कुल छह-छह शुभ मुहुर्त हैं जिसमें शादी सहित कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। दरअसल, 20 जुलाई को चातुर्मास के शुरू होने के साथ ही शादी सहित शुभ कार्यों पर ब्रेक लग गई थी। बाजारों में भी वीरानगी छा गई थी। फेस्टिवल सीजन के बाद अब वेडिंग सीजन के कारण बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है। चार माह के बाद हनाइयों के बीच शादी विवाह की रस्में पूरी करवाने के लिए पुरोहितों की मांग भी बढ़ गई है। एक साथ कई कार्यक्रमों के चलते पुरोहित भी खुश हैं। नवंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त 21, 22, 26, 28, 29 और 30 की तिथियों में हैं। दिसंबर में शुभ तिथियां 1, 2, 6, 7, 11 और 13 हैं।

यह है देवउठनी का महत्व

ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ बराड़ा बताते हैं कि चतुर्मास के साथ ही शादी-विवाह, गृह प्रवेश सहित शुभ कार्य करने वंचित होते हैं। भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। देवउठनी एकादशी यानि देवोत्थान एकादशी वाले दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। जब भगवान योग निद्रा से उठते है तो सृष्टि का संचालन स्वयं करते हैं। यहीं कारण है कि 15 नवंबर को ही भगवान शालीग्राम व तुलसी माता का विवाह किया गया। इस अवधि में तमाम शुभ कार्य करने के दौरान उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

14 दिसंबर को मलमास के साथ पुनः लगेगी ब्रेक

14 दिसंबर को मलमास शुरू हो जाएगा जो 14 जनवरी, 2022 तक रहेगा। इस दौरान फिर से शादी-विवाह सहित शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगी। इस बारे में श्री हरि दर्शन मंदिर, अशोक नगर के पुजारी पंडित प्रमोद शास्त्री बताते हैं कि सनातन धर्म के मुताबिक मलमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस कारण लोग अपने सभी शुभ काम टाल देते हैं। ऐसे में बाजार पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

दुकानदारों के खिले चेहरे, पार्टी वेयर की मांग ज्यादा

फेस्टिवल सीजन के बाद अब वेडिंग सीजन को लेकर बाजारों में रौनक लौट आई है। लोग विवाह समारोह को लेकर कपड़ों से लेकर ज्वेलरी व गिफ्ट से लेकर तमाम तरह की खरीददारी करने में व्यस्त हैं। दुकानदारों के चेहरे भी खिल गए हैं। रैनक बाजार के रिटेल कपड़ा कारोबारी अशोक सोबती बताते हैं कि लंबे समय के बाद बाजार में रौनक लौटी है। इस बार लोग पार्टी वेयर की मांग सबसे अधिक कर रहे हैं।

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