खुद के साथ-साथ पर्यावरण की 'फिटनेस' भी जरूरी

फिटनेस ट्रेनर मनमीत सिंह लोगों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ पानी बचाने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 06:49 AM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 06:49 AM (IST)
खुद के साथ-साथ पर्यावरण की 'फिटनेस' भी जरूरी
खुद के साथ-साथ पर्यावरण की 'फिटनेस' भी जरूरी

प्रियंका सिंह, जालंधर

फिटनेस ट्रेनर मनमीत सिंह लोगों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ पानी बचाने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। उनके शूरवीर किड्स फिटनेस ट्रेनिंग सेंटर में आने वाले बच्चों को उनका सबसे पहला सबक होता-पानी बचेगा तभी तो भविष्य बचेगा। उनके सेंटर में पहले पानी बचाने पर बात होती है, उसके बाद शारीरिक फिटनेस पर। मनमीत बताते हैं कि बेंगलुरु में पानी की किल्लत देखी तो लगा कि कहीं जालंधर में भी वैसे हालात न बन जाएं इसलिए उन्होंने अकेले दम पर जल संरक्षण अभियान शुरू कर दिया। नकोदर रोड के आसपास उन्हें जितनी भी पानी की टंकी या फिर टूटी खराब दिखी उन्होंने खुद के पैसे से उसे ठीक करवाया। उसके बाद लोगों को जोड़ने लगे। उनकी कोशिशें थोड़े ही समय में रंग लाने लगी। छह परिवारों ने अपने स्तर पर घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लाट लगवाकर जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं है। अभियान की सफला के लिए बच्चे सबसे सही विकल्प

न्यूजीलैंड से एमबीए करने वाले मनमीत सिंह आठ साल से बच्चों को फिटनेस की ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियान में सबसे मुश्किल व जरूरी था लोगों को अपने साथ जोड़ना। इसकी शुरुआत उन्होंने बच्चों से की। फिटनेस ट्रेनिंग सेंटर में जो भी बच्चे आते थे, उनके लिए फिटनेस के अलावा पानी बचाओ सेशन भी रखा गया। बच्चों को साधारण तरीके से घर में पानी बचाने के लिए जागरूक करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को एक बार जो सिखा और समझा दिया जाए, वह उनके दिमाग में बैठ जाता है और उसी राह पर चलते हैं। पानी बचाने में उनका एक अहम योगदान हो सकता है। कई स्कूलों को जोड़ा, जागरूक करने के लिए प्रतियोगिताएं करवाई

मनमीत ने बताया कि उन्होंने विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी जोड़ा। जल संरक्षण को लेकर प्रतियोगिताएं करवाई जाती है। उनमें बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर पानी के प्रति अपनी संवेदनाएं पेंटिंग या फिर अन्य किसी माध्यम के जरिए पेश करते है। एक समय ऐसा आया कि बच्चे खुद उन्हें बताने लग गए कि उन्होंने घर में इस तरह पानी व्यर्थ होने से बचाया है। बड़े स्तर पर नहीं कर सकते तो छोटे से ही शुरुआत करें

मनमीत सिंह का कहना है कि अगर आप पानी बचाने के लिए बड़े स्तर पर कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम छोटे स्तर से ही शुरुआत करें। रोजाना बाथरूम के सेंकड़ों लीटर पानी व्यर्थ होने से बचा सकते हो। हर घर में आरओ लगा हुआ है, उसका पानी सिंक में फेंकने की बजाय बाल्टी में जमा करके घर के अन्य काम में इस्तेमाल कर सकते हैं। बाहर कहीं भी आपको कोई पानी की टूटी खुली दिखे या फिर खराब दिखे तो उसे सही करके भी पानी बचाने में योगदान दे सकते हैं।

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