खतरे से न रहें अनजान, जालंधर के इस हाईवे पर ड्राइवर खुद बचाएं अपनी जान

जालंधर-पानीपत नेशनल हाईवे का लम्मा पिंड चौक चौगिट्टी चौक सर्विस लेन पीएपी चौक से लेकर रामा मंडी चौक तक जलभराव से बुरा हाल है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 01:33 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 01:33 PM (IST)
खतरे से न रहें अनजान, जालंधर के इस हाईवे पर ड्राइवर खुद बचाएं अपनी जान
खतरे से न रहें अनजान, जालंधर के इस हाईवे पर ड्राइवर खुद बचाएं अपनी जान

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया जालंधर-पानीपत सिक्स लाइन हाईवे अब उनकी जान का दुश्मन बनता दिखाई दे रहा है। वॉटर लॉगिंग की बीते 11 वर्षों से चली आ रही विकराल समस्या को हल न किए जाने के कारण अब हालात यह हो गए हैं कि किसी भी समय कोई भी वाहन हाईवे किनारे बरसाती पानी से भरे गड्ढों में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। लापरवाही इतनी कि पानी में डूबे रहने वाले हाईवे के ऊपर कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग भी नजर नहीं आ रही है। सबसे बुरा हाल लम्मा पिंड चौक, चौगिट्टी चौक सर्विस लेन, पीएपी चौक और फिर यहां से लेकर रामा मंडी चौक तक नजर आता है। इसके बाद परागपुर तक भी हाईवे पर बरसाती पानी आवागमन को प्रभावित कर रहा है।

अभी बरसात रफ्तार भी नहीं पकड़ सकी है और उससे पहले ही हाईवे से निकल पाना मुश्किल हो गया है। शनिवार एवं रविवार को कुछ मिनट के लिए हुई बारिश के बाद हाईवे फिर से बरसात के पानी में डूब गया है। रात के समय तो खतरा इस बात का भी है कि अभी तक भी हाईवे पर रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी है। पीएपी से लेकर रामा मंडी तक लगभग 4 फीट गहरा खुला ड्रेन हादसों को दावत दे रहा है।

जालंधर-पानीपत हाईवे पर ओपन ड्रेन में बरसात में चार फीट तक पानी भर जाता है। इस कारण यहां हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।

जालंधर से बाहर जाता हुआ यातायात सर्विस लेन पर मात्र बरसाती पानी की वजह से ही फंस रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचएआई की तरफ से पीएपी रामा मंडी के मध्य चौड़ीकरण के काम को तीव्र गति से चलाने के लिए इसे एनएचएआई जालंधर प्रोजेक्ट डायरेक्टर कार्यालय के हवाले किया गया था और जालंधर कार्यालय की तरफ से आगे निजी कंपनी को काम का जिम्मा सौंप दिया गया है। कंपनी की तरफ से फिलहाल एकाध मशीन लगाकर रक्षा मंत्रालय से अधिकृत की गई जमीन को समतल किया जा रहा है। हालांकि रोजाना हजारों लोगों को पेश आ रही मुश्किल को बुरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है और पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।

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