जालंधर के PAP कैंपस में पिट्स प्रोजेक्ट फेल, कूड़े को खाद में नहीं बदला जा रहा

पीएपी में लाखों रुपये खर्च कर 26 पिट्स बनाए गए थे लेकिन चार-पांच पिट्स ही इस्तेमाल हुए हैं। बाकी पिट्स खाली पड़े हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:45 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:21 AM (IST)
जालंधर के PAP कैंपस में पिट्स प्रोजेक्ट फेल, कूड़े को खाद में नहीं बदला जा रहा
जालंधर के PAP कैंपस में पिट्स प्रोजेक्ट फेल, कूड़े को खाद में नहीं बदला जा रहा

जालंधर, जेएनएन। नगर निगम की हेल्थ एंड सैनिटेशन एडहॉक कमेटी की बड़े संस्थानों में कूड़े से खाद बनाने की कार्यप्रणाली जांचनी शुरू की है। जांच के पहले दिन ही पीएपी में पिट्स प्रोजेक्ट हैंडल करने में भारी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पीएपी में लाखों रुपये खर्च कर 26 पिट्स बनाए गए थे, लेकिन जांच में पता चला कि चार-पांच पिट्स ही इस्तेमाल हुए हैं। बाकी पिट्स खाली पड़े हैं। इनमें नया कूड़ा भी नहीं आ रहा। ऐसे में जांच का विषय है कि पीएपी कांप्लेक्स में रहने वाले हजारों लोगों का कूड़ा कहां जा रहा है।

जांच टीम में शामिल एडहॉक कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर, ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह, मेंबर जगदीश समराय, अवतार सिंह, शमशेर सिंह खैरा ने पीएपी कांप्लेक्स की मैनेजमेंट देख रहे अफसरों के भेजे गए मुलाजिमों से जानकारी ली। ठाकुर ने कहा कि पीएपी में पिट्स प्रोजेक्ट पर ठीक तरह से काम नहीं हो रहा है। लॉकडाउन में निगम की टीम पूरी तरह एक्टिव नही थी, जिससे बड़े संस्थानों को लापरवाही का मौका मिल गया। इस बारे में सीनियर पुलिस अफसरों के सामने भी मुद्दा उठाया जाएगा। इसके बाद टीम बेस्ट प्राइस मॉल और लिली रिसोर्ट होटल में गई। बेस्ट प्राइस में वेस्ट मैनेजमेंट बेहतर मिली। यहां लगाए प्लांट में 24 घंटे में ही कूड़ा खाद में बदल जाता है। बेस्ट प्राइस सूखा कूड़ा उठाने के लिए भी नगर निगम को भुगतान कर रहा है।

लिली रिजॉर्ट में फूड वेस्ट को खाद में बदलने के लिए आगा मॉडल का छोटा प्लांट लगाया गया है। यह मैनुअल प्लांट भी ठीक तरह से काम कर रहा था। इसमें करीब तीन हफ्ते बाद कूड़ा खाद में बदल जाता है। खाद की क्वालिटी की जांच करवाने के निर्देश चेयरमैन बलराज ठाकुर ने कहा कि बेस्ट प्राइस और होटल लिली रिसोर्ट की मैनेजमेंट को निर्देश दिया है कि वह कूड़े से बन रही खाद की सैंपलिंग भी करवाएं। यह जरूरी है कि पता लगे कि किस तरह की खाद बन रही है। यह दोनों संस्थान कूड़े से बन रही खाद को अपने परिसर में ही बागवानी में प्रयोग कर रहे हैं। चेयरमैन ने कहा कि दो-तीन दिन में अन्य संस्थानों में भी जाकर जांच करेंगे और जहां कहीं भी कमी मिलेगी, वहां पर नोटिस देने और जुर्माने की कार्रवाई करेंगे।

विधानसभा स्तर पर बांटे जाएंगे ई-रिक्शा, डंपों से संडे को भी उठाया जाएगा कूड़ा

हेल्थ एंड सैनिटेशन कमेटी ने अगले दो-तीन दिनों में कूड़ा उठाने के लिए ई-रिक्शा वितरण करने का भी फैसला किया है। चेयरमैन ने कहा कि अभी सिर्फ 23 ई-रिक्शा है और हर वार्ड में इसे उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता। इसलिए तय किया गया है कि यह सभी रिक्शा विधानसभा हलका स्तर पर दिए जाएंगे ताकि सभी हलकों में समान रूप से काम हो सके। उन्होंने कहा कि और भी रिक्शा मंगवाए जा रहे हैं। इससे हर वार्ड में काम करवाना आसान हो जाएगा। यह भी तय किया गया है कि रविवार को प्राइवेट कांट्रैक्टर की गाड़ियां चलवा कर डंपों से कूड़ा उठवाया जाए।

सफाई सेवकों का मुद्दा भी सुलझाएंगे

एडहॉक कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि सभी वार्डों में समान रूप से सफाई सेवक उपलब्ध करवाने की जो मांग उठ रही है, उस पर भी मंथन जारी है। कमेटी के दो सदस्यों जगदीश समराय और रोहन सहगल ने दो दिन पहले ही चेतावनी दी है कि अगर उन्हें ठीक संख्या में सफाई सेवक न मिले तो वे मौजूदा सफाई सेवक भी लौटा देंगे। बलराज ठाकुर ने कहा कि ऐसी नौबत नहीं आएगी और पूरा मामला जल्द सुलझा लेंगे। शहर में सफाई सेवकों के लिए बीट चार्ट भी तैयार किया जाएगा।

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