Ground report: किसानों की जिद से महामारी की जद में आए पंजाब के गांव, कोराेना नियमों की कोई परवाह नहीं

Corona and Kisan Andolan पंजाब में कोरोना वायरस गांवों को भी अपनी चपेट में ले चुका है और कोरोना संक्रमण के मामले गांवाें में लगातार बढ़ रहे हैं। किसानों के आंदोलन की जिद और कोरोना नियमों का पालन न करने कीे कारण गांव कोरोना के जद में आ रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:25 PM (IST)
Ground report: किसानों की जिद से महामारी की जद में आए पंजाब के गांव, कोराेना नियमों की कोई परवाह नहीं
मोगा में फिरोजपुर रोड के डगरू फाटक के निकट संघावाला टोल प्लाजा पर धरने में शामिल किसान। (जागरण)

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। Ground Report: मोगा के गांव संघावाला का टोल प्लाजा। धरने पर करीब डेढ़ सौ किसान। न मास्क, न शारीरिक दूरी। खाना-पीना साझा। रोज शाम को घर यानी गांव वापसी। अगले दिन फिर वही या उनके बदले उतने ही किसान फिर वहां आते हैैं। एक तरफ मुख्यमंत्री अपील करते हैैं कि गांवों में ठीकरी पहरा लगाया जाए, दूसरी तरफ राज्य में संघावाला की तरह लगभग 58 जगह धरनों में किसान हर रोज खुद ही टोल पर कोविड नियमों की परवाह किए बिना आते-जाते व बैठते हैैं। ऐसे में कोरोना कैसे रुकेगा?

 सीएम कर रहे गांवों में ठीकरी पहरे की अपील, लेकिन कोई असर नहीं

प्रदेश के 14 जिलों में 58 पक्के धरने लगे हुए हैैं। अब शहरी इलाकों की तुलना में सूबे के गांवों में लगातार कोरोना पैर पसार रहा है और इसकी वजह पक्के धरने भी हैैं। ऐसा तब है जब पंजाब में मृत्यु दर देश में मृत्यु दर से दोगुना से ज्यादा है। देश में मृत्यु दर 1.09 फीसद है तो पंजाब में यह 2.40 फीसद है। राज्य में कुल मौतों में 58 फीसद ग्रामीण इलाकों में हो रही हैैं। शहरों से ज्यादा गांव महामारी की जद में हैैं और किसान जिद पर अड़े हुए हैैं।

 

लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरने के दौरान बिना मास्‍क लगाए किसान। (जागरण)

 किसान रोज आ-जा रहे धरनों में, नहीं कर रहे कोविड नियमों का पालन

दैनिक जागरण ने शुक्रवार को पंजाब के 58 स्थानों पर किसानों के चल रहे पक्के धरनों की पड़ताल की तो हैरानीजनक तस्वीर सामने आई। रोजाना इन धरनों में शामिल होने वाले दो से तीन हजार किसान व ग्रामीण करीब 600 गांवों में कोरोना के कैरियर की भूमिका निभा सकते हैं। इसके बाद भी एक-दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो 99 फीसद पक्के धरनास्थलों पर शामिल होने वाले किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

धरनों में शामिल होने वाले किसान नहीं पहन रहे मास्क

धरनास्थलों पर 99 फीसद किसान बिना मास्क के दिखाई दिए। लगभग धरनास्थलों पर 20 से 300 तक किसानों की भीड़ जुट रही है। मास्क पहनना तो दूर किसान कोरोना को भी मानने को तैयार नहीं हैं। इसके चलते कोरोना संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है और किसान खुद कोरोना को दावत दे रहे हैं।

साझा खान-पान भी संक्रमण की बड़ी वजह

पक्के धरने वाले स्थलों पर ज्यादातर किसानों के खाने-पीने की व्यवस्था पंजाब की पारंपरिक सांझ के हिसाब से रखी गई है। चाय से लेकर खाने तक को कामन बर्तनों में परोसा जा रहा है। इससे अगर कोई एक भी संक्रमित हुआ तो सभी चपेट में आ सकते हैैं। बीते दिनों तरनतारन में धरनों से लौटे 900 से ज्यादा किसानों में कई कोरोना संक्रमित पाए गए। 13 मई तक पंजाब में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 11,297 थी। इनमें शहरी इलाकों के 5,084 और ग्रामीण इलाकों के 6,213 लोग शामिल हैं।

ऐसे बढ़ रही है चेन...

रोटेशन में रोजाना करीब 600 गांवों के लोग धरनों में हो रहे हैं शामिल

पक्के तौर पर चलने वाले ज्यादातर धरनों में रोजाना रोटेशन के रूप में 10 से 300 तक किसान शामिल हो रहे हैं। यह किसान जिन भी स्थानों पर धरने लगे हैं उनके आस-पास के गांवों से शामिल हो रहे हैं। हर धरने में रोजाना अगर 10 गांवों के किसान शामिल हो रहे हैं तो 58 धरनों में 600 से ज्यादा गांवों के किसान शामिल हो रहे हैं। सुबह धरनों में शामिल होने वाले किसान शाम को घर लौटते हैैं और वहां कोई सतर्कता नहीं बरतते हैैं।

गुरदासपुर में धरने में शामिल सतबीर सिंह सुलतानी व बलबीर सिंह रंधावा ने बताया कि रोजाना रोटेशन में किसान धरने में शामिल हो रहे हैं। पठानकोट के धरने में शामिल भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के दीनानगर इंजार्च गुरप्रीत सिंह धुम्मन का कहना है कि कम संख्या में किसान जत्थेबंदी बैठते हैं। धरनास्थल पर बाकायदा रजिस्टर लगा हुआ है।

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मुख्‍य बिंदु - पंजाब के 14 जिलों के 58 स्थानों पर चले रहे पक्के धरने। - रोजाना इन धरनों में शामिल हो रहे हैैं करीब 600 गांवों के लोग। - सरकार की ओर से बनाए गए कोरोना प्रोटोकाल को नहीं मानते हैैं किसान। - रोटेशन में धरनों में शामिल होते हैैं किसान, शाम को लौट जाते हैैं घर। - देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.09 फीसद तो पंजाब यह 2.40 फीसद है। - राज्य में कुल मौतों में 58 फीसद हो रही हैैं ग्रामीण इलाकों में।

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जिला----                        पक्के धरने जालंधर :                          01 तरनतारन :                      01 बठिंडा :                            02 शहीद भगत सिंह नगर :      03 रूप नगर :                        03 मोगा :                             03 अमृतसर :                        04 होशियारपुर :                    04 बरनाला :                        04 लुधियाना :                      04 संगरूर :                          05 पटियाला :                       05 पठानकोट :                     09 गुरदासपुर :                    10

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