सावधान! इन तीन फर्जी ASI से रहें सतर्क, लोगों को ब्लैकमेल कर लूट रहे पैसे Jalandhar News

तीन फर्जी एएसआइ की विजिलेंस ब्यूरो ने फोटो जारी कर दी हैं ताकि अन्य लोग इनकी ब्लैकमेलिंग का शिकार न हों। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।

By Edited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 02:33 AM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 01:17 PM (IST)
सावधान! इन तीन फर्जी ASI से रहें सतर्क, लोगों को ब्लैकमेल कर लूट रहे पैसे Jalandhar News
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जालंधर, जेएनएन। कपूरथला के ट्रैवल एजेंट पर केस दर्ज करने की धमकी देकर रिश्वत लेने वाले गिरोह के तीन फर्जी एएसआइ की विजिलेंस ब्यूरो ने फोटो जारी कर दी हैं, ताकि अन्य लोग इनकी ब्लैकमेलिंग का शिकार न हों। तीनों में अमनदीप कुमार, भूपिंदर उर्फ भिंदा व रिक्की शामिल हैं। इस गिरोह में लुधियाना के शिमलापुरी का बबलू दसावर प्रधान और लुधियाना के ही आलमगीर की कुलविंदर कौर पत्नी मंगल सिंह भी शामिल है।

आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। विजिलेंस ब्यूरो की इंस्पेक्टर राजविंदर कौर ने टीम के साथ इनमें से अमनदीप कुमार को शनिवार को रामा मंडी चौक से 20 हजार रिश्वत लेते पकड़ा था। उसके बाकी साथी वहां विजिलेंस कार्रवाई के बाद पहले से स्टार्ट खड़ी स्विफ्ट कार में फरार हो गए थे।

कुछ पूछने पर निकालते थे गालियां

कपूरथला के ट्रैवल एजेंट जसवंत सिंह ने विजिलेंस को बताया कि कुलविंदर कौर ने तीन लाख में सौदा करने के बाद एक लाख दिए थे, लेकिन दस्तावेज पूरे नहीं दिए। उसने पासपोर्ट वापस दे दिया, लेकिन एडवांस लिए एक लाख नहीं लौटा सका। फिर तकरीबन 20-25 दिन पहले कुलविंदर ने उसे फोन कर कहा कि उसने पुलिस को शिकायत कर दी है। इसके बाद अमनदीप ने फर्जी एएसआइ बनकर उसे फोन किया और खुद को डीएसपी लुधियाना का रीडर बताया। जब जसवंत ने उससे नाम पूछा तो अमनदीप ने गालियां देनी शुरू कर दीं और कहा कि पुलिस वाले हम हैं, जो पूछते हैं उसका जवाब दे। फिर उसे धमकाया कि उस पर पर्चा दर्ज कर परिवार समेत थाने में अंदर बंद कर देगा। फिर उसे थाना शिमलापुरी आकर मिलने को कहा।  

थाने नहीं बल्कि मिठाई की दुकान में बुलाया

पूछताछ में पता चला कि आठ फरवरी को वो कुछ गणमान्य लोगों को साथ लेकर लुधियाना पहुंचा। उसने फोन किया तो अमनदीप ने थाने की जगह उसे शिमलापुरी में रेखा स्वीट शॉप में आने को कहा। वहां फर्जी रीडर अमनदीप के साथ कुलविंदर कौर उर्फ पल्लवी पहले ही मौजूद थी। वहां उसने भूपिंदर उर्फ भिंदा व विक्की को भी एएसआइ बताते हुए पहचान कराई। उनके साथ बबलू दसावर प्रधान भी मौजूद था। वो वहां ढ़ाई लाख रुपये वापस करने का दबाव डालने लगा। ट्रैवल एजेंट ने सिर्फ एक लाख लेने की बात कही और वह किश्तों में लौटाने का भरोसा दिया। इस पर बबलू दसावर ने कहा कि यह पुलिस महकमे के लोग हैं और उसने ही सिविल वर्दी में बुलाया है। यह जैसा कहते हैं, वैसा कर ले। फर्जी रीडर अमनदीप के धमकाने पर वो 25-25 हजार के चेक देने को राजी हो गया। ट्रैवल एजेंट ने पैसे लेने के बाद तंग न करने की गुजारिश की तो अमनदीप ने कहा कि उसकी बड़े पुलिस अफसरों से अच्छी जान-पहचान है, वो सब ठीक कर देगा। फिर राजीनामा लिख दस्तखत करा लिए और एक लाख की रिश्वत मांगी। उनके मिन्नतें करने पर 30 हजार में सौदा हुआ। उस समय उन्होंने दस हजार ले लिए और 20 हजार लेते वक्त उसे विजिलेंस ने पकड़ लिया।  

डराने के लिए कपूरथला में की थी रेड

विजिलेंस पूछताछ में यह भी पता चला कि बाकी बीस हजार देने के लिए उसे 10 फरवरी का समय दिया गया था लेकिन वो यमुनानगर चला गया। पैसे न देने से भड़के फर्जी एएसआइ अमनदीप ने भूपिंदर भिंदा व विक्की के साथ मिलकर 13 फरवरी को रात नौ बजे उसके कपूरथला स्थित घर में रेड कर डाली। उस वक्त वह घर पर नहीं थे। इन फर्जी पुलिस वालों ने परिवार के साथ गाली-गलौज कर पैसे न देने पर पूरे परिवार को उठाकर थाने ले जाने की धमकी दी। वापस लौटकर 15 फरवरी को उसने अमनदीप से बात की तो गाली-गलौच करते हुए उसने रामा मंडी चौक पर पैसे मंगवाए।  

सब मिलकर चला रहे गिरोह

विजिलेंस जांच में स्पष्ट हो गया कि तीनों फर्जी एएसआइ ने कुलविंदर कौर के साथ मिलकर गिरोह बना रखा है और इन्होंने ही उसे ट्रैवल एजेंट जसवंत के पास भेजा था। इसमें लुधियाना का बबलू दसावर प्रधान भी शामिल है, जिसकी हाजिरी में इनका राजीनामा कराया गया। यह आम लोगों को पुलिस के नाम पर धमकाकर रिश्वत के तौर पर ठगी करते हैं।

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