कोरोना रोकने को ताले नहीं, वैक्सीनेशन ही आएगी काम
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दुकानों के ताले नहीं बल्कि पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन ही सहायक साबित होगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दुकानों के ताले नहीं, बल्कि पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन ही सहायक साबित होगी। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस जरूरी है। इसे प्रत्येक व्यक्ति को मानना चाहिए। मात्र कुछ प्रतिशत मार्केट बंद कर देने से संक्रमण काबू में नहीं आएगा। इसके लिए सरकार को ऐसी योजना बनानी चाहिए, ताकि कारोबार भी चलता रहे और लोग संक्रमण से बचे भी रहें। कारोबार बंद हो जाने से तो लोगों के आगे रोटी का संकट खड़ा हो गया है। छोटे दुकानदार एवं इनको घरों से माल बनाकर सप्लाई करने वालों के लिए तो बीते एक वर्ष का समय बेहद कठिन रहा है। लाकडाउन व कर्फ्यू का विरोध कर रहे स्पोर्ट्स मार्केट, बस्ती नौ के दुकानदारों का तर्क जानने के लिए दैनिक जागरण ने उनसे बातचीत की।
डिक्सन स्पोर्ट्स के रविदर धीर ने कहा कि सरकार की गाइडलाइंस गलत नहीं है, लेकिन कुछ दुकानों को बंद करने से समस्या का हल नहीं मिलेगा। सरकार ऐसी योजना तैयार करे, जिससे विभिन्न समय में अलग-अलग बाजार और दुकानें खोली जाएं। उन्होंने कहा कि कारोबार को बंद कर देने से छोटे व्यापारी एवं घरों में काम करने वाले लोग तो बर्बाद हो जाएंगे। सरकार को चाहिए कि कारोबार बंद करने के बजाय पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए, जो अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। 100 फीसद टीकाकरण का लक्ष्य भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
विपन प्रिजा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस को मानना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन कारोबार को बंद कर देना तर्कसंगत नहीं है। प्रत्येक शख्स मास्क पहनेगा, शारीरिक दूरी बनाकर चलेगा और सैनिटाइजर का प्रयोग दुकानों पर होगा तो शायद संक्रमण की रफ्तार को काफी हद तक रोक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना कारोबार के तो भविष्य ही धूमिल नजर आ रहा है।
विजय धीर ने कहा कि कारोबार को जारी रखने के लिए सरकार को ही योजना बनानी होगी। बाजार एवं दुकानें खोलने के लिए ऐसी योजना तैयार करनी होगी, ताकि एक ही समय में भीड़ न उमड़े। उन्होंने कहा कि विदेशों की तरह सरकार कारोबार बंद रहने के दौरान कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं करा रही है। इस वजह से लोगों की रोटी का संकट टालने के लिए दुकानों का खुलना जरूरी है।
विकास जैन ने कहा कि व्यापारियों एवं कारोबारियों की मांग को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार से यही मांग की जा रही है कि कारोबार को बंद न किया जाए। अगर रिटेल मार्केट खुली रहेगी तो उत्पादन करने वाली इकाइयों के भी खुले रहने का सार्थक परिणाम मिलेगा। अगर रिटेल बाजार ही नहीं खुलगा तो फैक्ट्रियों में तैयार होने वाला सामान बिक नहीं पाएगा और इकोनामी बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अति शीघ्र इस संबंध में घोषणा की जानी चाहिए कि सौ फीसद बाजारों को खोला जा रहा है।