परगट सिंह की कोठी में प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार अध्यापकों की मीटिंग आज, मांगें नहीं मानी तो तेज करेंगे संघर्ष

नई बेरोजगार पीटीआई अध्यापक यूनियन पंजाब शिक्षा मंत्री की कोठी के भीतर किए गए प्रदर्शन के दौरान ही चेतावनी दे चुकी है कि अगर उनकी मांगों को लेकर कोई फैसला मीटिंग में नहीं निकलता तो वहीं से अपने संघर्ष की शुरुआत करेंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 10:35 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 10:35 AM (IST)
परगट सिंह की कोठी में प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार अध्यापकों की मीटिंग आज, मांगें नहीं मानी तो तेज करेंगे संघर्ष
बेरोजगार पीटीआई अध्यापकों की बुधवार को शिक्षा मंत्री परगट सिंह के साथ होगी। सांकेतिक चित्र।

जासं, जालंधर। पुलिस का चक्रव्यूह तोड़कर सोमवार को शिक्षा मंत्री की कोठी के आंगन में प्रदर्शन करने वाले पीटीआइ बेरोजगार अध्यापकों की मीटिंग आज चंडीगढ़ में होगी। इसमें शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, डीजीएसई सहित विभाग के आला अधिकारी शामिल होंगे। अब यूनियन का अगला संघर्ष का फैसला इसी मीटिंग पर टिका हुआ है। नई बेरोजगार पीटीआई अध्यापक यूनियन पंजाब शिक्षा मंत्री की कोठी के भीतर किए गए प्रदर्शन के दौरान ही चेतावनी दे चुकी है कि अगर उनकी मांगों को लेकर कोई फैसला मीटिंग में नहीं निकलता तो वहीं से अपने संघर्ष की शुरुआत करेंगे। इस मीटिंग में शिक्षा मंत्री परगट सिंह अध्यापकों से अपनी नाराजगी जता सकते हैं।

बता दें की सोमवार को बस स्टैंड से शिक्षा मंत्री की कोठी तक रोष रैली निकाली थी, जिसके बाद सभी अध्यापक मंत्री की कोठी के बाहर पहुंच कर धरने पर बैठ गए थे। यहां पर पुलिस मुलाजिमों ने सभी को कह दिया कि मंत्री जी घर पर नहीं हैं। इस पर सभी अध्यापक गुस्से में आ गए और जबरन कोठी में दाखिल होने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की पर स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। पुलिस अध्यापकों को रोक नहीं पाई। सभी मंत्री परगट सिंह की कोठी के आंगन में धरने में बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे। 

शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने अध्यापकों की इस हरकत का विरोध करते हुए इसे पुलिस की नाकामी करार दिया। उनका कहना था कि घर पर उनके बुजुर्ग बीमार माता-पिता हैं और अध्यापकों को ऐसा नहीं करना चाहिए था। वे तो उनके ही मसले हल करने के लिए निरंतर मीटिंग कर रहे हैं। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने उन्हें मीटिंग का समय देकर बुलाया और वे कोठी से शांत होकर निकले।

प्रदेश प्रधान अमनदीप कंबोज ने बताया कि 2006 के बाद से कोई भी पीटीआइ अध्यापक भर्ती नहीं किया गया है, यही कारण है कि बेरोजगार अध्यापक प्राइमरी स्कूलों में नई पांच हजार पोस्टों की मांग लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। मगर अभी तक सरकार की तरफ कोई भी अध्यापकों को नहीं सुनी। जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिल जाता वे सरकार के विरुद्ध रोष प्रदर्शन करते रहेंगे। यही नहीं विधान सभा चुनाव आने का भी समय नजदीक आ रहा है, अगर उनकी मांगों पर गौर न किया तो वे चुनाव में इसका जवाब देंगे। 

ये हैं अध्यापकों की मांगें पीटीआइ अध्यापकों की 5 हजार नई पोस्टें निकाली जाएं पीटीआई अध्यापकों को प्राइमरी स्कूलों को नियुक्त किया जाए नई भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी किया जाए शारीरिक शिक्षा के विषय को प्राइमरी स्कूलों से लेकर 12वीं तक लाजमी किया जाए शारीरिक शिक्षा अध्यापकों की भर्ती करके खेल के स्तर को ऊंपर उठाया जाए।

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