निकासी का वहम ही दे रहा अनकनेक्टेड ड्रेन

देश के सबसे व्यस्त हाईवेज में शुमार जालंधर-पानीपत हाईवे पर जमा होने वाला पानी परेशानी का सबब बन गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:00 AM (IST)
निकासी का वहम ही दे रहा अनकनेक्टेड ड्रेन
निकासी का वहम ही दे रहा अनकनेक्टेड ड्रेन

जागरण संवाददाता, जालंधर : देश के सबसे व्यस्त हाईवेज में शुमार 291.9 किलोमीटर लंबे जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खामी बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाया ड्रेन ही है। हाईवे के साथ ड्रेन तो बना है, लेकिन यह सुविधा देने की बजाय परेशानी का सबब बन गया है। ड्रेन में से बरसाती पानी की निकासी के लिए इसे कहीं कनेक्ट ही नहीं किया गया है और ड्रेन मात्र कूड़ादान बनकर रह गया है। हाईवे के आसपास और सर्विस लेन का कूड़ा भी इसी ड्रेन में जाता है और ड्रेन में पानी के प्रवेश के लिए बनाए रास्ते बंद कर देता है।

महानगर के बीचों-बीच से जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे लगभग 22 किलोमीटर गुजरता है। बिधिपुर फाटक से परागपुर तक वेरका मिल्क प्लांट, ट्रांसपोर्ट नगर, पठानकोट चौक, लम्मा पिड चौक, सूर्या एनक्लेव आरओबी, चौगिट्टी चौक, पीएपी चौक, रामा मंडी चौक और परागपुर तक दो अन्य फ्लाईओवर बनाए गए हैं। बरसात के मौसम में इन फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लाइन के ऊपर वाटर लागिग भारी समस्या बन जाती है और इस बार भी बनी हुई है। वजह यही है कि पानी निकासी के लिए बनाए ड्रेन पानी की मात्रा वहन ही नहीं कर पाते हैं।

अनकनेक्टेड है ड्रेन, निर्माण में भी खामी

नियम के मुताबिक हाईवे के साथ बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए ड्रेन को किसी नदी अथवा नाले में कनेक्ट करना जरूरी है, ताकि पानी की निकासी हो सके। हैरानीजनक है कि समूचे प्रोजेक्ट में ड्रेन कहीं कनेक्ट ही नहीं किया है। डिजाइनिग और निर्माण में भी खामी है। निर्माण सर्विस लेन से लगभग दो फुट ऊंचा किया गया है और पानी की निकासी के लिए उसे तोड़कर कुछ छेद किए गए हैं। पानी दो फुट तक पहुंच नहीं पाता है और छेद में कूड़ा फंसा रहता है। नतीजा पानी सर्विस लेन पर ही तैरता रहता है।

वाटर लागिग की वजह से हाईवे पर लगता है जाम

महानगर के एंट्री एवं एग्जिट के लिए अति महत्वपूर्ण पीएपी एवं रामा मंडी चौक पर बरसाती पानी की निकासी न हो पाने से लंबा ट्रैफिक जाम लगता है। सड़क के अधिकतर हिस्से में पानी जमा हो जाता है और बेहद तंग जगह से ही सारा ट्रैफिक निकलता है। इससे जाम लग जाता है और लोग परेशानी झेलते रहते हैं।

रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से सुसज्जित थे दो चौक

बरसाती पानी की निकासी को लेकर जब बीते वर्ष समस्या ज्यादा बढ़ी तो आनन-फानन में जालंधर में दो स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने की योजना तैयार की गई। ट्रांसपोर्ट नगर और पीएपी चौक क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने का काम शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक कोई ज्यादा सुविधा नहीं मिल पाई है।

तुरंत चेक करवाकर पानी की निकासी सुनिश्चित होगी : प्रोजेक्ट डायरेक्टर

जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अंबाला प्रोजेक्ट डायरेक्टर (पीडी) कार्यालय के तहत आता है। जालंधर के दो अति महत्वपूर्ण पीएपी एवं रामा मंडी चौक एनएचएआइ जालंधर प्रोजेक्ट डायरेक्टर कार्यालय के अधीन आते हैं। जालंधर आफिस के पीडी हमेश मित्तल ने कहा कि तुरंत दोनों चौक चेक करवाएंगे और सफाई करवाकर बरसाती पानी की निकासी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम अंडर ग्राउंड बनाया गया है। अगर बरसात से कोई परेशानी आई है तो उसे दूर करवाया जाएगा। वहीं प्रोजेक्ट डायरेक्टर अंबाला वीरेंद्र सिंह से बार-बार कोशिश किए जाने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका।

निगम के सीवरेज से जोड़ना संभव ही नहीं : एसई सतिंदर

नगर निगम के एसई आपरेशन एंड मेंटेनेंस सतिदर कुमार ने कहा कि हाईवे के साथ बनाए ड्रेन को नगर निगम के सीवरेज के साथ कनेक्ट करना संभव ही नहीं है। ऐसी किसी भी योजना को लेकर नगर निगम से कभी संपर्क नहीं किया गया। हाईवे के साथ नगर निगम की कोई सीवरेज लाइन मौजूद भी नहीं है। ड्रेन में मिट्टी है जो किसी भी सीवरेज लाइन को ब्लाक कर देगी। इस वजह से एनएचएआइ को खुद इस समस्या का निदान करना होगा।

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