पैसे लेने के बाद भी नहीं दी एक्टिवा की आरसी, भरना पड़ेगा 25 हजार रुपये हर्जाना Jalandhar News
जिला कंज्यूमर फोरम ने शिकायत की सुनवाई में उन्हें महीने के भीतर आरसी देने को कहा और देरी पर 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना भी देने को कहा।
जालंधर, जेएनएन। पुलिस लाइन के नजदीक स्थित कार्गो मोटर्स को पैसे देने के बावजूद एक्टिवा खरीदने वाले को आरसी न देना महंगा पड़ गया। जिला कंज्यूमर फोरम ने शिकायत की सुनवाई में उन्हें महीने के भीतर आरसी देने को कहा और देरी पर 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना भी देने को कहा। इसके साथ ही मानसिक परेशानी व केस खर्च के तौर पर भी 25 हजार अदा करने के आदेश दिए।
मॉडल हाउस में बैंक कॉलोनी रोड पर रहने वाले अर्शदीप सिंह ने कार्गो मोटर्स के खिलाफ फोरम को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने 25 जुलाई 2016 को होंडा एक्टिवा 3जी बुक की थी। एडवांस के तौर पर उन्होंने 6,875 रुपये देकर बुकिंग कराई। कुछ दिन बाद डेढ़ हजार और दिए और 28 जुलाई 2016 को उन्होंने 49,830 रुपये भी कैपिटल फस्र्ट लिमिटेड से लोन लेकर जमा करा दिए। जिसके बाद उन्हें एक्टिवा की डिलीवरी मिल गई। उस वक्त एजेंसी ने कहा कि वो इंश्योरेंस पॉलिसी के चार्ज भी जमा कराएं। शिकायतकर्ता ने कहा कि वो पहले भी दो बार 6,875 रुपए व डेढ़ हजार रुपए दे चुके हैं।
इस पर कार्गो मोटर्स ने कहा कि वह पैसे एक्टिवा की आरसी व दस्तावेजों के लिए थे। इंश्योरेंस के 1487 रुपये अलग से देने होंगे। इसके बाद वो आरसी लेने के लिए एजेंसी गए, लेकिन उन्होंने कहा कि चार हजार रुपये और देने होंगे। ट्रैफिक नियमों के चलते एक्टिवा लेने के बाद भी आरसी न मिलने की वजह से वो किराए पर गाड़ी लेकर दफ्तर आते-जाते रहे। फोरम ने नोटिस निकाला तो कार्गो मोटर्स ने जवाब में कहा कि शिकायतकर्ता ने आरसी के लिए पैसे जमा नहीं कराए। बाकी पैसे अलग-अलग चीजों के लिए लिए गए थे।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने फैसला देते हुए कहा कि दोनों पार्टियां इस बात पर सहमत हैं कि एक्टिवा लेने के लिए 50,306 रुपये दिए गए। जो बिल के तौर पर दर्ज है। इसके अलावा बुकिंग फार्म के हिसाब से शिकायतकर्ता ने अलग से 6,875 और डेढ़ हजार रुपये भी अदा किए। कार्गो मोटर्स ने रिकॉर्ड में 1700 रुपये का बकाया दिखाया, लेकिन उसमें काफी कटिंग की गई थी। फोरम ने कहा कि यह बैलेंस निकालने के लिए किया गया, क्योंकि इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि 1700 रुपया किस चीज का बकाया है। इसलिए यह दस्तावेज संदेहजनक है। फोरम ने कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि कार्गो मोटर्स ने चार हजार लेने के बाद भी शिकायतकर्ता को आरसी नहीं दी। इसके बाद फोरम ने यह फैसला सुनाया।
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