पंजाब में गेहूं का 23 हजार करोड़ रुपये नौ लाख किसानों के खाते में ट्रांसफर
पंजाब में इस बार गेहूं खरीद का 23 हजार करोड़ रुपया नौ लाख किसानों के खाते में सीधा ट्रांसफर हुआ। खाते में आई सीधी राशि से किसान खुश हैं। शुरू में किसानों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था लेकिन अब उनका कहना है कि सिस्टम में पारदर्शिता आई है।
जालंधर [शाम सहगल]। गेहूं के समर्थन मूल्य 1975 रुपये के साथ इस बार किसानों ने सीधी अदायगी को भी अपना भरपूर समर्थन दिया है। यह पहला अवसर है जब पंजाब में किसानों को गेहूं का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। शुरुआत में गेहूं की सीधी अदायगी का विरोध करने वाले किसानों ने इसके लाभ को देखते हुए आखिरकार इसे न केवल स्वीकार किया, बल्कि भविष्य में भी इसी प्रक्रिया के तहत अदायगी करने को सहमति दी। गेहूं के जारी सीजन में प्रदेशभर में अभी तक 9 लाख किसानों के खातों में 23 हजार करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं।
लक्ष्य से अधिक हुई पैदावार व खरीद
केंद्र द्वारा पंजाब के लिए निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक पैदावार तथा खरीद हुई है। अभी तक राज्य में 132.08 लाख टन गेहूं की खरीद का काम पूरा किया जा चुका है, जो निर्धारित से दो लाख टन अधिक है। बताया जा रहा है कि पंजाब के इतिहास में यह पहला अवसर है जब अधिक पैदावार होने के बावजूद मंडी गांव में किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा गया है। हालांकि शुरुआत में कई जगहों पर बारदाने की कमी को लेकर शिकायतें आई थी, लेकिन खरीद एजेंसियों के स्तर पर से पैदा हुई इस खामी को भी सरकार द्वारा दुरुस्त किया गया।
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अनाज खरीद पोर्टल रहा सहायक
किसानों के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने में पोर्टल काफी सहायक रहा। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा तैयार किए गए पोर्टल में किसानों द्वारा गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा तमाम तरह की जानकारी अपडेट की जाती रही। जिसके पूरे होते ही किसानों के खातों में गेहूं की राशि ट्रांसफर की जाती रही। किसानों को अनाज खरीद पोर्टल की सुविधा देने के लिए मार्केट कमेटी के स्तर पर फ्री कैंप भी लगाए गए। जहां पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसानों की तमाम जानकारियां अपलोड की जाती रही।
परमजीत सिंह व जसपाल सिंह। जागरण
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सीधी अदायगी से खिले किसानों के चेहरे
केंद्र सरकार द्वारा फसल की अदायगी किसानों के बैंक खातों में करने से उन्हें दोहरा लाभ हुआ है। एक तो बिचौलियों द्वारा की जाती लूट खसूट से राहत मिल गई है। वहीं दूसरी तरफ तमाम तरह की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। इस बारे में नई दाना मंडी में गेहूं बेचने पहुंचे गांव धीना के जसपाल सिंह बताते हैं कि फसल की सीधी अदायगी किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व बिचौलियों से पैसे वसूल करने में कई बार दिक्कतें पेश आती थी, जबकि उनके खाते में पैसे ट्रांसफर होने के बाद उनकी सिर दर्द खत्म हो गई है। इसी तरह शाहकोट के किसान परमजीत सिंह बताते हैं कि किसानों के खाते में सीधी अदायगी होने से सिस्टम में पारदर्शिता आई है।
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उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के बाद अब वह फसल की बिजाई को लेकर तमाम तरह की खरीदारी अपने हिसाब से कर सकते हैं। इससे पूर्व आढ़ती द्वारा बीज से लेकर तमाम तरह का सामान उनके हिसाब से लेना पड़ता था। जिससे उन्हें दोहरा घाटा भी सहना पड़ता रहा है। उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया आसान करने के साथ ही पैसों की अदायगी भी इससे आसान हो गई है।
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