जालंधर में लद्देवाली रोड बंद होने से बीबीएमबी परिसर से रोजाना गुजर रहे 50 हजार राहगीर

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की तरफ से अगर अपने परिसर के मध्य से जाते रोड को बाहरी ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया तो रोजाना लगभग 50 हजार राहगीरों को गंतव्य तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 10:37 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:37 AM (IST)
जालंधर में लद्देवाली रोड बंद होने से बीबीएमबी परिसर से रोजाना गुजर रहे 50 हजार राहगीर
लद्देवाली रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाए जाने को लेकर लद्देवाली रोड बंद कर दिया गया है।

जालंधर, मनुपाल शर्मा। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की तरफ से अगर अपने परिसर के मध्य से जाते रोड को बाहरी ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया तो रोजाना लगभग 50 हजार राहगीरों को गंतव्य तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। श्री माता वैष्णो देवी कटरा- जालंधर छावनी रेलखंड पर स्थित लद्देवाली रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाए जाने को लेकर लद्देवाली रोड बंद कर दिया गया है और लोगों ने बीबीएमबी परिसर के मध्य से होते हुए रेलवे क्रासिंग तक पहुंचने का वैकल्पिक मार्ग ढूंढ लिया है।

बीबीएमबी परिसर एक खुला क्षेत्र है, जिसके बीच से रोड निकलता है। हालांकि रोड भारी संख्या में वाहनों के आवागमन को वहन करने योग्य नहीं है और टूटा भी हुआ है। बावजूद इसके वाहनों के आवागमन से दिन भर पूरा बीबीएमबी परिसर धूल के गुबार में घिरा हुआ नजर आता है। चौपहिया एवं दोपहिया वाहन चालक बीबीएमबी परिसर के मध्य से तेजी से गुजर रहे हैं, जिससे परिसर के आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए भारी परेशानी खड़ी हो गई है। तेज रफ्तार वाहन चौगिट्टी सर्विस लेन के ऊपर भी पहुंच रहे हैं, जहां हर समय दुर्घटना होने का खतरा बना हुआ है।

हालांकि लोगों के पास कोट रामदास आबादी के बीच से एक संकरा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध था, लेकिन सीवरेज की खुदाई के लिए निकाली जा रही मिट्टी की वजह से उक्त मार्ग भी फिलहाल बंद हो गया है। भारी संख्या में वाहनों के आवागमन से अपने परिसर में परेशानियों को देखते हुए बीबीएमबी अगर रास्ता बंद करने का फैसला ले लेता है तो फिर क्षेत्र के लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए रामा मंडी या सूर्या एंक्लेव के आगे से होकर पहुंचना पड़ेगा। इससे लोगों को हाईवे पर कई किलोमीटर अतिरिक्त फासला तय करना पड़ेगा। हाईवे पर दुर्घटना का खतरा बना रहेगा और अतिरिक्त समय भी लगेगा।

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