Tokyo Olympics 2020 : हॉकी में अर्जेटीना के खिलाफ वरुण के गोल से जालंधर में खुशी, गांव मिट्ठापुर में माता-पिता के चेहरे खिले

टोक्यो ओलंपिक (Tokya Olympics 2020) में भारतीय टीम में जालंधर के मिट्ठापुर के खिलाड़ी वरुण कुमार को मैदान में उतारा गया। पहले ही मैच में उन्होंने अर्जेंटीना के खिलाफ एक गोल कर दिया। उनकी उपलब्धि से माता-पिता गदगद हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 01:11 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:11 PM (IST)
Tokyo Olympics 2020 : हॉकी में अर्जेटीना के खिलाफ वरुण के गोल से जालंधर में खुशी, गांव मिट्ठापुर में माता-पिता के चेहरे खिले
वीरवार को अर्जंटीना के खिलाफ गोल करने पर खुशी व्यक्त करते हुए जालंधर के खिलाड़ी वरुण के माता-पिता। जागरण

कमल किशोर, जालंधर। टोक्यो ओलंपिक (Tokya Olympics 2020) में भारतीय टीम में जालंधर के तीन खिलाड़ी कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व हार्दिक सिंह खेल रहे थे। वीरवार को अर्जेंटीना के खिलाफ हुए मैच में जालंधर के मिट्ठापुर के खिलाड़ी वरुण कुमार को मैदान में उतारा। मौके का फायदा उठाते हुए वरुण कुमार ने पहले ही मैच में अर्जंटीना के खिलाफ जैसे ही गोल किया, उनके माता-पिता और गांव वाले खुशी से झूम उठे।  

वरुण कुमार के गोल के बाद पारिवारिक सदस्यों व हाकी प्रेमियों में खुशी की लहर है। जब वरुण कुमार ने गोल किया तो पिता ब्रहानंद व मां शकुंतला देवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गोल होते देख दोनों खुशी से उठ खड़े हुए। चेहरे पर खुशी के भाव थे। वरुण कुमार को टीम में स्टैंड बाय के खिलाड़ी के तौर पर रखा गया था। हाकी प्रेमियों को जालंधर के अन्य तीन खिलाड़ियों से उम्मीदें है। टीम में अब जालंधर के चार खिलाड़ी हो चुके है। चारों खिलाड़ी फार्म में आ गए तो भारत का स्वर्ण पदक जीतने का सपना सच हो जाएगा। 30 जुलाई को भारत का मुकाबला जापान के साथ है।

पांचवीं तक साथ पढ़ें हैं मनप्रीत और वरुण

मनप्रीत सिंह व वरुण कुमार पांचवीं कक्षा तक मिट्ठापुर के गुरु नानक पब्लिक स्कूल में साथ पढ़ते थे। वहीं, दोनों ने हाकी खेलना शुरू किया। दसवीं के बाद लायलपुर खालसा कालेज व डीएवी कालेज में पढ़ाई की। अब एलपीयू के विद्यार्थी है। सातवीं कक्षा में ही वरुण कुमार सुरजीत हॉकी एकेडमी का हिस्सा बन गए थे। वरुण कुमार को हॉकी से काफी प्यार था। इतना कि रिश्तेदारों के घरों में होने वाले समारोह में नहीं जाता था। साइकिल पर ही दूसरे गांव में होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए पहुंच जाता था। हाकी से इतना प्यार था कि खाना तक छोड़ देता था।

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