Tokyo Olympics 2020 : जालंधर के मनदीप सिंह का गोल भी नहीं दिला पाया भारत को सेमीफाइनल में जीत, फैंस निराश
Tokyo Olympics 2020 टोक्यो ओलिंपिक 2020 में हो रहे भारत बनाम बेल्जियम का मैच देखने के लिए सुबह ही भारतीय खिलाड़ी गुरजंट सिंह के पारिवारिक सदस्य टीवी के आगे बैठ गए। पूरा परिवार मैच को लेकर काफी उत्सुकत है। बेल्जियम 5-2 से मैच जीत गई।
जालंधर, जेएनएन। भारतीय पुरुष हाकी टीम के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन बेल्जियम से मैच में भारतीय टीम के हाथ निराशा आई है। भारत का गोल्ड जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका है। बेल्जियम ने 5-2 से बढ़त बनाकर भारतीय टीम को मात दी है। जालंधर के मनदीप सिंह ने एक गोल किया था। ओलिंपिक में जालधर के वरूण व हार्दिक सिंह भी गोल कर चुक हैं। मनप्रीत व मनदीप के दो गोल से भारत ने क्वार्टर-1 में बढ़त बना ली थी।
टीम इंडिया अगर ये मुकाबला जीत जाती तो वह मेडल पक्का कर लेती। टीम इंडिया ने आखिरी बार 1980 के ओलंपिक में मेडल जीता था। सुबह सात बजे मुकाबला शुरू होने के साथ ही भारतीय हाकी टीम में खेल रहे अमृतसर के खिलाड़ियों के परिवारों में परिवार के सदस्य व आसपास के लोग मैच देखने के लिए जुट गए। टीम में अमृतसर के गुरजंत सिंह, दिलप्रीत सिंह, शमशेर सिंह, हरमनप्रीत सिंह खेल रहे है। जैसे-जैसे भारतीय टीम ने गोल किया तो अभिभावकों ने तालियां बजाकर व भारतीय तिरंगा लहराकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
हॉकी खिलाड़ी दिलप्रीत सिंह के पिता (नीली निक्कर) में बलविंदर सिंह दाएं। बाएं तरफ बाबा पल्ला स्पोर्ट्स क्लब के सदस्य बैठे हैं मनदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह बक, हरपाल सिंह बल व पारिवारिक सदस्य।
मैच देखने के लिए सुबह ही भारतीय खिलाड़ी गुरजंट सिंह के पारिवारिक सदस्य टीवी के आगे बैठ गए। गुरजंट सिंह के भाई हरचरण सिंह, पिता बलदेव सिंह, चाचा हरजिंदर सिंह, दादा महेंद्र सिंह, भाई पलविंदर सिंह व गांव स्थित गुरुद्वारा साहिब के बाबा दीदार सिंह, मां सुखजिंदर कौर, बहन गुरप्रीत कौर, ताई अमरजीत कौर, चाची संदीप कौर सभी में मैच को लेकर काफी उत्सुकता थे।
हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह के पिता सरबजीत सिंह और माता राजविंदर कौर मैच देखते हुए और परमात्मा से भारत की जीत की प्रार्थना करते हुए।
इधर, भारतीय टीम से खेल रहे अटारी के खिलाड़ी शमशेर सिंह के परिवार के सदस्य भी सुबह से ही मैच देखने के लिए टीवी स्क्रीन के आगे बैठे हैं। शमशेर के चाचा गुरजीत सिंह, हाकी कोच नवजीत सिंह लाली, पिता हरदेव सिंह, ताया सुरिंदर सिंह भोला, चाचे का बेटा आकाशदीप सिंह, चाचा सिमरपाल सिंह, दादी सुरजीत कौर आदि ने परमात्म से भारत की जीत की अरदास की। अमृतसर के बुताला के हॉकी खिलाड़ी दिलप्रीत सिंह के पिता बलविंदर सिंह, बाबा पल्ला स्पोर्ट्स क्लब के सदस्य बैठे हैं मनदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह बक, हरपाल सिंह बल व अन्यों ने मैच देखा।
खेल शुरू होने के 1 मिनट 4 सेकंड में ही बेल्जियम को पेनल्टी कार्नर मिल गया और बेल्जियम की टीम इसे गोल में बदलने में कामयाब रही। भारत पर शुरुआत में ही दबाव बन गया था। वहीं भारतीय टीम के ओर से पेनल्टी कार्नर में मनप्रीत सिंह ने पहला गोल किया तो दूसरा गोल मनदीप सिंह ने किया।
अमृतसर से अटारी के खिलाड़ी शमशेर सिंह के पारिवारिक सदस्य मैच देखते हुए।
वहीं दूसरे क्वार्टर ने बेज्यियम ने भारतीय टीम पर काफी दबाव बनाने की कोशिश की। 17वें मिनट पर बेल्जियम को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले। मगर भारत ने तीनों को बचा लिया था। हालांकि 19वें मिनट पर एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने में सफल रहे और इसी के साथ स्कोर भी 2-2 से बराबर कर दिया।
भारत को 29वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला। इस मैच में उनका यह चौथा कार्नर था, मगर गेंद गोल पोस्ट के नजदीक से निकल गई। वहीं चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने एक प्वाइंट कर 3-2 से आगे हो गई है। आखिर में बेल्जियम ने 5-2 से भारत को मात देकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है।