इस बार आराधना के साथ नर सेवा का अवसर भी निर्जला एकादशी

आज निर्जला एकादशी है। मंदिरों के कपाट बंद है इसलिए लोग जरूरतमंदों की सेवा करने के बारे में सोच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:22 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 02:09 AM (IST)
इस बार आराधना के साथ नर सेवा का अवसर भी निर्जला एकादशी
इस बार आराधना के साथ नर सेवा का अवसर भी निर्जला एकादशी

शाम सहगल, जालंधर : ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी वर्ष भर में मनाई जाने वाली कुल 24 एकादशियों में सबसे उत्तम मानी गई है। दो जून को मनाई जा रही निर्जला एकादशी इस बार खास होगी। इस बार निर्जल तथा निर आहार रहकर निर्जला एकादशी का व्रत संपन्न करने वाले भक्तों को प्रभु की आराधना के साथ नर की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बीच मंदिरों के कपाट बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में प्रसिद्ध विद्वान व्रत का दान इस बार जरूरतमंद लोगों को देने का आह्वान कर रहे हैं। उनका तथ्य है कि भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को देवव्रत भी कहा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक नर सेवा ही नारायण की सेवा है। ऐसे में जरूरतमंद की सेवा करके देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। व्रत का उद्यापन कर जरूरतमंद को दे दान का सामान

निर्जला एकादशी व्रत का उद्यापन घर में संकल्प करके किया जा सकता है, लेकिन संकल्प के दौरान दान के लिए निकाले गए सामान को मंदिर के पुरोहित तक पहुंचाना जरूरी नहीं है। इस सामान को किसी जरूरतमंद तक पहुंचा कर इसकी सार्थकता को बनाए रखा जा सकता है। इस तरह दान का सामान वास्तव में सही जगह पहुंच सकता है। इन दिनों मंदिर बंद होने के कारण यह मार्ग सबसे उत्तम तथा सार्थक है।

-राजपाल कालिया, ज्योतिषाचार्य । -मिट्टी के बर्तन खरीद कुटीर उद्योग को दें ऑक्सीजन

आधुनिक दौर में मिट्टी के बर्तनों की उपयोगिता में भारी गिरावट आई है। लॉकडाउन के कारण मिट्टी के बर्तन बनाने वाले परिवारों को परिवार पालना मुश्किल हो गया है। निर्जला एकादशी के पावन पर्व पर मिट्टी के बर्तन दान करने का महत्व शुरू से रहा है। ऐसे में लोगों के लिए इन परिवारों को सहारा देने का अवसर भी है। इसके साथ ही दम तोड़ रहे कुटीर उद्योग भी शुरू हो सकेंगे। इसी तरह निर्जला एकादशी पर दान के लिए उत्तम मानी गई हथपंखी तैयार करने वालों की भी मदद की जा सकती है।

-मनोज नन्हा, हिदू क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ।

पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक की है फल की खरीदारी

निर्जला एकादशी पर लोग मंदिर में चढ़ाने के लिए सीजन के आम और खरबूजे की खरीदारी करते हैं। इस बार मंदिरों के कपाट बंद हैं। इस कारण निर्जला एकादशी पर जरूरतमंद लोगों को फल वितरण करने का मन बनाया है। यही कारण है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक फलों की खरीदारी की है, जिससे अधिक से अधिक गरीब परिवारों को फल का वितरण किया जा सके।

- मोनिका महेंद्र

- यहां दे जरूरतमंदों को दान का सामान

शहर के कई इलाकों में गरीब तथा जरूरतमंद परिवार रह रहे हैं। इसके अलावा कई इलाकों में सड़कों पर बैठकर दान मांगने वालों को सामान देना चाहिए। इसी तरह माई हीरा गेट स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर के बाहर, बीएसएनल ऑफिस के नजदीक मास्टर तारा सिंह नगर की झुग्गियों में रहते परिवार, श्री देवी तालाब मंदिर के बाहर बैठे परिवार तथा श्री महाकाली मंदिर मिट्ठा बाजार के बाहर दान का यह सामान दिया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी