शहर के तीन वार्ड बनेंगे माडल वार्ड, नहीं दिखेगा कूड़ा
देश में स्वच्छ भारत मिशन-2 शुरू हो चुका है। 31 मार्च 2026 तक चलने वाले इस मिशन के तहत जालंधर में तीन वार्डो को माडल वार्ड के रूप में तैयार किया जाएगा।
जागरण संवाददाता जालंधर : देश में स्वच्छ भारत मिशन-2 शुरू हो चुका है। 31 मार्च 2026 तक चलने वाले इस मिशन के तहत जालंधर में तीन वार्डो को माडल वार्ड के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके अलावा एक रिहायशी कालोनी व एक इंस्टीट्यूट को भी माडल के रूप में विकसित किया जाएगा। ये सभी माडल शहर कालोनियों व संस्थाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत होंगे। पूरे शहर को इनकी तर्ज पर ही विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। चूंकि मिशन-2 के लिए फंड का दायरा बढ़ा दिया गया है, इसलिए नगर निगम को वेस्ट मैनेजमेंट की मशीनरी लेने के लिए कोई दिक्कत नहीं आएगी।
निगम इस पर एक हफ्ते में काम शुरू कर सकता है। निगम ने इसके लिए वार्ड 11, 12 और 21 को चुना है। कॉलोनी के रूप में वार्ड नंबर 78 के न्यू रतन नगर का चुनाव किया गया है। यहां घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करके कालोनी में ही खाद में बदलने का इंतजाम होगा। इंस्टीट्यूट के रूप में हंसराज महिला महाविद्यालय को चुना गया है। यहां वेस्ट मैनेजमेंट पर पहले से बेहतर ढंग से काम हो रहा है और कई प्रयोग भी किए जा चुके हैं। यह खास होगा माडल वार्ड व कालोनी में
-यहां स्वच्छ भारत मिशन के सभी नियम लागू होंगे।
-सौ फीसद कूड़े की कलेक्शन होगी। गंदगी नहीं फैलाने दी जाएगी।
-कोई डंप नहीं होगा।
-कूड़े की छंटाई की जाएगी और खाद बनाने की 100 फीसद प्रोसेसिंग होगी।
दूसरे इलाकों के प्रतिनिधियों को करवाएंगे विजिट
निगम के हेल्थ अफसर डा श्रीकृष्ण शर्मा का कहना है कि अगले 15 दिनों में माडल वार्ड, कालोनी और इंस्टीट्यूट फाइनल कर दिए जाएंगे और इसकी सूचना स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों को दे दी जाएगी। यहां पर नियमों को लागू करने की पूरी तैयारी की जा रही है और इन्हें पूरी तरह विकसित करने के बाद शहर के दूसरे इलाकों के प्रतिनिधियों को यहां विजिट करवाएंगे ताकि इसी पैटर्न पर उनके वार्ड भी वितरित हो सके।
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वार्ड 21 में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए छोटा प्लांट लगाने की योजना
वार्ड 11 और 12 में ऐसे प्रोजेक्ट पहले ही हैं जहां कूड़े को खाद में बनाया जा सकता है। वार्ड 21 में ऐसा कोई प्लांट नहीं है इसलिए कूड़ा फोलड़ीवाल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जा रहा है। वार्ड नंबर 21 घर-घर से कूड़ा लेने के मामले में बेहतरीन काम कर रहा है इसलिए यहां प्रशासन की 2 टन का बायो वेस्ट कंपोस्टर प्लांट लगाने की योजना है। इसमें घरों से निकलने वाले बायो वेस्ट और पार्कों की ग्रीन वेस्ट को खाद में बदला जाएगा। वार्ड नंबर 21 में करीब 28 पार्क है। यहां पर सबसे अधिक ग्रीन वेस्ट पैदा होती है। पार्को से निकलने वाली ग्रीन वेस्ट को खाद में बदला जाएगा। -----------
एचएमवी में चल रहा पिट्स प्रोजेक्ट, पेपर वेस्ट को भी कर रहा प्रोसेस
एचएमवी से निकलने वाले कूड़े को खाद में बदलने के लिए फिर तैयार की गई है। इसी तरह पेपर वेस्ट को भी प्रोसेस करने के लिए मशीन लगाई गई है। शिक्षण संस्थानों में पेपर वेस्ट काफी मात्रा में निकलता है ऐसे में एचएमवी बाकी संस्थानों के लिए रोल माडल की भूमिका निभा सकता है।