कोरोना के कारण लटक सकता है स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक्स ट्रैक का काम
कोविड-19 वायरस के कारण स्पोर्ट्स कॉलेज का फटा एथलेटिक्स ट्रैक का कार्य इस वर्ष भी लटक सकता है।
कमल किशोर, जालंधर : कोविड-19 वायरस के कारण स्पोर्ट्स कॉलेज का फटा एथलेटिक्स ट्रैक का कार्य इस वर्ष भी लटक सकता है। इस ट्रैक पर कई ओलंपियन व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अभ्यास करके देश का नाम रोशन किए चुके हैं। जालंधर ने देश को कई एथलीट दिए हैं। फरवरी में विधानसभा का बजट पेश हुआ था। बजट में खेल स्टेडियम के रखरखाव के लिए 20 करोड़ का बजट रखा गया था। जिसमें स्पोर्ट्स कॉलेज का सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक व ओलंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में टर्फ को बदला जाना था। वहीं खिलाड़ियों को अभ्यास करने के लिए नया ट्रैक मिलना था। कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष ट्रैक बदलने की उम्मीद कम दिखाई दे रही है। अब काम अधर में लटक गया है। वर्ष 1996 में बिछाया गया था ट्रैक, आठ वर्ष के बाद होता है बदलने का समय
एथलेटिक्स सिथेंटिक ट्रैक की मौजूदा स्थिति की बात करें तो कई जगहों पर फटा हुआ है। वर्ष 1996 में स्पोर्ट्स कॉलेज में ट्रैक बिछाया गया था। जिसके उपयोग को ध्यान में रखते हुए आठ वर्ष आयु निर्धारित की गई थी। कायदे से वर्ष 2004 में बदल देना चाहिए था। 15 वर्ष बीत चुके है। फिलहाल अभी तक बदला नहीं गया।
ट्रैक बदलने पर आएगा करीब तीन करोड़ रुपये
मौजूदा समय में एथलेटिक्स ट्रैक जगह-जगह पर फट चुका है। कई खिलाड़ी चोटिल भी हो चुके है। मिट्टी का लेवल नीचे जा रहा है। नए ट्रैक बदलने पर करीब तीन करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पिछले वर्ष इसी ट्रैक पर एथलेटिक्स टीम चयन के लिए ट्रायल लिए गए थे। फटे ट्रैक को देखने के लिए सांसद संतोख सिंह चौधरी ने दौरा किया था। ट्रैक को बदलने का मामला खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी के समक्ष रखा था। इस वर्ष शुरु हो जाना था ट्रैक बदलने काम
जिला खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक्स ट्रैक का काम इस वर्ष शुरु हो जाना था। बजट में राज्य के खेल स्टेडियम के रखरखाव के लिए राशि रखी गई थी। बजट की कुछ राशि ट्रैक बदलने पर खर्च होनी थी। कोरोना के चलते ट्रैक बदलने में देरी हो रही है।