चोरों पर कसता है शिकंजा, खरीदारों पर नहीं

पुलिस शहर में चोरों को तो गिरफ्तार करती है लेकिन इनसे सामान खरीदने वालों को गिरफ्तारी नहीं कर पाती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:19 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:19 AM (IST)
चोरों पर कसता है शिकंजा, खरीदारों पर नहीं
चोरों पर कसता है शिकंजा, खरीदारों पर नहीं

अखंड प्रताप, जालंधर

बीते एक महीने में जालंधर कमिश्नरेट के इलाके में चोरों ने करीब 50 घरों और दुकानों को निशाना बनाते हुए लोगों की 1.50 करोड़ से अधिक की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर दिया है। इन दिनों चोरों के तीन गिरोह शहर में सक्रिय हैं। पुलिस चोरों पर तो शिकंजा कसती है, लेकिन इनसे सामान और खासकर सोना खरीदने वाले दुकानदारों पर कम ही कार्रवाई होती है।

बीते एक महीने में अंजाम दी गई चोरी की करीब 30 वारदात में चोरों ने लोगों के घरों से 80 लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवरात पर हाथ साफ किया है। बीते वीरवार को देहात पुलिस ने चोरों के एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इन चोरों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में बीते करीब एक साल में दर्जनों चोरी की वारदातों को अंजाम दिया था। इनमें चोरों ने करोड़ों के जेवरात पर हाथ साफ किया था। आरोपितों ने चोरी के सोने को सुनार के पास बेचने की भी बात कबूली थी। उधर, डीसीपी इन्वेस्टीगेशन जसकिरणजीत सिंह तेजा का कहना है कि चोरी करने वालों पर नकेल कसने के साथ-साथ उन लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा, जो चोरी का सामान खरीदते हैं। बिकने के बाद तुरंत गला दिया जाता है चोरी का सोना

चोरों द्वारा बाजार में बेचे गए सोने की बरामदगी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। कारण, चोरी का जो सोना बाजार में बिकता है उसे खरीदने वाले तत्काल ही गला देते हैं। चोरी का सामान खरीदने वाले शहर के थाना डिवीजन नंबर तीन, बस्ती बावा खेल और भार्गव कैंप इलाके में सक्रिय हैं। ये चोरी या झपटमारी वाला सोना सस्ते दामों पर खरीद लेते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि ज्यादातर आरोपित नशेड़ी होते हैं, जिन्हें तत्काल पैसों की जरूरत होती है। शहर के बाहर भी फैला है चोरी का सोना बेचने का जाल

चोरी के गहनों को बेचने का यह जाल जालंधर के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी फैला हुआ है। चोरी के सोने को खरीदने के बाद पहले उसे गलाया जाता है और फिर गलाने के बाद सोने को ढालकर शहर में ग्राहकों की तलाश की जाती है। अगर शहर में उनको कोई ग्राहक नहीं मिलता है तो उसे आसपास के शहरों में सस्ते दामों पर बेच दिया जाता है। चोरी की 25 फीसद वारदात ही हो पाती है हल

शहर में चोरी की वारदात में से औसतन 25 प्रतिशत ही हल हो पाती है। इनमें अक्सर चोर तो गिरफ्तार कर लिए जाते हैं, लेकिन चोरी का माल बरामद नहीं हो पाता। बीते एक महीने में चोरी की 40 वारदात में से पुलिस 12 ही हल कर पाई। इन मामलों में चोरी का पूरा माल बरामद नहीं हो सका है। बीते दिनों हुई चोरी की बड़ी वारदातें 19 अक्टूबर : एसडी कालेज रोड पर चोरों ने दो दफ्तरों का दरवाजा तोड़कर चोरी की वारदात को दिया अंजाम। 18 अक्टूबर : हाउसिग बोर्ड कालोनी में बंद घर को निशाना बनाते हुए चोरों ने तीन लाख के सामान पर किया हाथ साफ। 14 अक्टूबर : गुरु नानक कालोनी में चोरों ने दिनदहाड़े घर से हजारों के जेवर और नकदी चुरा ली। 14 अक्टूबर : अवतार नगर की गली नंबर 13 में घर से दस लाख के जेवर समेत 12 लाख का सामान चोरी। 13 अक्टूबर : ग्रीन एवेन्यू इलाके में चोरों ने घर से 30 हजार की नकद और 40 हजार के जेवरात चुरा लिए। 10 अक्टूबर : थाना भार्गव कैंप में बालीवुड मेकअप आर्टिस्ट के घर से तीन लाख के जेवर और अन्य सामान चोरी। 4 अक्टूबर : प्रताप बाग में मोबाइल की दुकान से एक लाख की नकदी और चार लाख के मोबाइल एसेसरीज चुराए। 29 सितंबर : माडल टाउन के प्रकाश नगर में दिनदहाड़े चोरों ने एक कपड़ा व्यवसायी के घर से लाखों की चोरी की। 15 अक्टूबर : अवतार नगर में घर से 10 तोले सोने और 70 हजार का कैश चोरी।

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