व्यापारियों ने किया विरोध, बाद में प्रशासन ने दी राहत
कोरोना पाजिटिव केसों के बढ़ते ही पंजाब सरकार द्वारा 15 मई तक लगाए मिनी लाकडाउन के फैसले से व्यापारियों में रोष था जिसके बाद प्रशासन ने व्यापारियों को कुछ राहत दे दी।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कोरोना पाजिटिव केसों के बढ़ते ही पंजाब सरकार द्वारा 15 मई तक लगाए गए मिनी लाकडाउन के फैसले के बाद व्यापारियों में चिता के साथ रोष भी है। इसे लेकर सोमवार को दिन के समय जिले के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस फैसले का विरोध किया। बाद दोपहर जिला प्रशासन ने कई व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने को लेकर राहत दे दी। इसमें खासकर भवन निर्माण व इसमें इस्तेमाल होने वाले उत्पाद शामिल हैं। इस संबंध में आयोजित बैठक में फगवाड़ा गेट इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स व इलेक्ट्रानिक्स मार्केट, टू व्हीलर मार्केट, जालंधर फाइनांस एसोसिएशन, कार डीलर्स, टायर मार्केट, बाजार शेखां शापकिपर्स एसोसिएशन के सदस्य शामिल हुए।
बलजीत सिंह आहलुवालिया ने कहा कि आधी अधूरी दुकानें खोलने के दौरान बाजारों में फिर से भीड़ उमड़ रही है। इससे बेहतर तो संपूर्ण लाकडाउन ही लगा देना चाहिए। अगर सरकार आड-इवन फार्मूला अपनाती है तो भी समस्या का समाधान संभव है। व्यापारी पहले ही मंदी व टैक्सों के बोझ से परेशान हैं। ऊपर से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दुकानें बंद करवाना ही समाधान मान लिया गया है। इससे सीधे रूप से आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। इसी तरह अमित सहगल, तेजिदर सिंह परदेसी व हरप्रीत सिंह नीटू ने कहा कि सरकार को व्यापारियों के हित की बात करनी चाहिए। इस मौके पर कमल मोहन चौहान, दिनेश अरोड़ा, हरमेश कुमार, दलजीत सिंह क्रिस्टल, आत्म प्रकाश, राजू बाजवा व अरविदर कुमार मौजूद थे। सोमवार को बाद दोपहर जिला प्रशासन ने कई क्षेत्रों में राहत की घोषणा कर दी। सरकार व प्रशासन का आभार जताया
व्यापारी नेता अमित सहगल ने भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की बिक्री की इजाजत देने के फैसले को सराहा है। इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि पहले कोरोना की मार व फिर किसानों की हड़ताल ने व्यापारियों की कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में मिनी लाकडाउन के बीच सरकार ने यह फैसला व्यापारियों के हित में किया है।