एक ही कालोनाइजर ने काटी 35 अवैध कालोनियां अफसरों ने नहीं लिया एक्शन, विजिलेंस करेगी जांच

अवैध कालोनियों के मामले में नगर निगम के टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के रवैये से नाराज एडहाक कमेटी अब विजिलेंस जांच करवाएगी। जांच की शुरुआत कैंट के रहने वाले एक कालोनाइजर से होगी जिसने 35 अवैध कालोनियां विकसित कर डालीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:17 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:17 AM (IST)
एक ही कालोनाइजर ने काटी 35 अवैध कालोनियां अफसरों ने नहीं लिया एक्शन, विजिलेंस करेगी जांच
एक ही कालोनाइजर ने काटी 35 अवैध कालोनियां अफसरों ने नहीं लिया एक्शन, विजिलेंस करेगी जांच

जागरण संवाददाता, जालंधर : अवैध कालोनियों के मामले में नगर निगम के टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के रवैये से नाराज एडहाक कमेटी अब विजिलेंस जांच करवाएगी। जांच की शुरुआत कैंट के रहने वाले एक कालोनाइजर से होगी जिसने 35 अवैध कालोनियां विकसित कर डालीं। एडहाक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा के नेतृत्व में मंगलवार को हुई मीटिग में कमेटी सदस्यों ने कहा कि अफसर जानबूझकर अवैध कालोनियां विकसित करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रहे। बार-बार प्रस्ताव रखा गया है लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। अब कमेटी ने फैसला लिया है कि कालोनाइजर के खिलाफ स्टेट विजिलेंस को शिकायत देंगे। कार्रवाई नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ भी जांच करवाएंगे।

उन्होंने कहा कि जांच से पता चल सकेगा कि कार्रवाई नहीं करने के पीछे किसका दबाव था और किस-किस को इससे लाभ मिला है। निम्मा ने कहा कि अफसरों ने एक बार भी कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अफसरों की भूमिका की जांच भी जरूरी है। अफसरों से जब भी कार्रवाई की बात की गई तो हर बार दबाव की बात करके वह कार्रवाई करने से बचते रहे। मीटिग में निम्मा के साथ मेंबर सुशील कालिया, लखबीर सिंह बाजवा, मिटू जुनेजा, मनमोहन सिंह मौजूद रहे। पूरा रिकार्ड मांगा, आज फिर मीटिंग

निम्मा ने कहा कि कमेटी ने बिल्डिंग ब्रांच से अवैध कालोनियों का पूरा रिकार्ड मांगा है। बुधवार को दोबारा मीटिग करके सभी फैक्ट इकट्ठे करेंगे। बुधवार या वीरवार को रिकार्ड पूरा करने के बाद स्टेट विजिलेंस को शिकायत और रिकार्ड सौंप देंगे। कमेटी एक साल से शहर में अवैध कालोनियां विकसित करने वालों के खिलाफ रिकार्ड एकत्रित कर रही है।

----------------------------- कैंट में अवैध कालोनियों की संख्या ज्यादा

जालंधर छावनी के भीम जी पैलेस के मालिक राकेश कुमार ने 35 कालोनियां विकसित की है। निगम के अनुसार न्यू डिफेंस कालोनी, फगवाड़ा रोड, पंचशील एवेन्यू-बडिग, परागपुर-रायल एस्टेट, न्यू डिफेंस कालोनी फेज-1, दीप नगर सोफी पिड, महंगा सिंह कालोनी के तीन पार्ट, राम नगर दकोहा, बडिग कालोनी, डिफेंस कालोनी अवैध है। 18 कालोनियों तो पहले ही चिन्हित कर ली गई थी। दस से ज्यादा मीटिंग में अफसरों को कहा, पैमाइश तक नहीं की

अवैध कालोनियों को निगम के रिकार्ड के आधार पर ही कार्रवाई के लिए पहचाना गया है। निम्मा ने बताया कि साल 2020 के अक्टूबर से दिसंबर में कई बार मीटिग की गई और इन कालोनियों की पैमाइश के लिए अफसरों के साथ मीटिग की लेकिन अफसरों ने पैमाइश की प्रक्रिया शुरू नहीं की। इसके बाद कमेटी ने अफसरों से मीटिग बंद कर दी और अब छह महीने बाद विजिलेंस जांच का फैसला लिया है। 105 एकड़ में फैली 18 कालोनियां, निगम को 50 करोड़ का नुकसान

निर्मल सिंह निम्मा का आरोप है कि जालंधर कैंट के भीम जी पैलेस के मालिक राकेश कुमार ने 18 कालोनियों को मंजूर करवाने के लिए आवेदन भी किया था और टोकन मनी देकर ही 105 एकड़ में फैली 18 कालोनियों में प्लाट बेच दिए। कालोनाइजर ने सिर्फ 8.80 लाख फीस जमा करवाई। इसके बाद भी कालोनाइजर कैंट हलके में बिना मंजूरी कालोनियों विकसित करता रहा। कमेटी मेंबर सुशील कालिया ने पहले भी आरोप लगया था कि अगर कालोनाइजर के आवेदनों के हिसाब से ही फीस ली जाए तो करीब 21 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा और अगर जुर्माने समेत वसूली की जाए जो यह 50 करोड़ रुपये के करीब बनेंगे। राकेश कुमार ने बडिग एरिया में पंचशील कालोनी को मंजूर करवाने के लिए 15 हजार रुपये फीस दी और पूरी कालोनी के प्लाट बेच दिए। कालोनी के लिए 16 हजार और एक कालोनी के लिए 25 हजार रुपये जमा करवाए गए।

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