निक्कू पार्क में इंफ्रास्ट्रक्चर बिगड़ने से जनता भी निराश
निक्कू पार्क के सरकारीकरण से इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत बिगड़ने से लोग भी निराश हो गए हैं।
जागरण संवाददाता जालंधर
निक्कू पार्क के सरकारीकरण से इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत बिगड़ने के कारण यहां आने वाले लोग भी निराश हैं। भाजपा पार्षद के बाद कांग्रेस के पार्षद भी निक्कू पार्क की मेंटीनेंस को लेकर कह चुके हैं कि या तो व्यवस्था में सुधार किया जाए या फिर पहले की तरह ही किसी कंपनी का सोसायटी को इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दे दी जाए। सितंबर 2019 में जिला प्रशासन ने एनजीओ की लीज खत्म होने पर निक्कू पार्क का कब्जा ले लिया था। सिर्फ एक दिन पार्क बंद रहने से ही जनता में नाराजगी बढ़ गई थी और उसके बाद इसे तुरंत खोलना पड़ा था।
जिला प्रशासन को तभी समझ जाना चाहिए था कि निक्कू पार्क के प्रति लोगों का लगाव काफी है। इसके साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सोसायटी ने जो मुलाजिम रखे थे उनमें से आधे से ज्यादा मुलाजिमों को नौकरी से निकाल दिया गया। इस कारण निक्कू पार्क में लगे झूलों की मेंटीनेंस बंद हो गई। बंटू शर्मा, मनप्रीत, चंद्रकांता और जैसमीन कौर नरूला ने कहा कि हम लोग यहां मनोरंजन के लिए आ तो रहे हैं, लेकिन कई झूले बंद पड़े हैं। इसके साथ ही यहां फूड के रेट भी बढ़ा दिए गए हैं। झूलों के रेट बढ़ाने के साथ पार्किंग फीस लगा दी गई है। अगर यहां सुविधाएं मिलेंगी ही नहीं तो कौन आएगा? प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान दे। अगर प्रशासन पार्क की मेंटीनेंस नहीं कर पा रहा तो इसे निजी हाथों में सौंप दे, ताकि इसकी गरिमा बहाल हो सके।