बच्चे को जन्म से लेने से पहले मारने के लिए दे दी गई थी दवा

जन्म लेने के बाद कुंवारी मां के हाथों मरने के लिए खाली प्लाट में कूड़े के ढेर पर फेंके गए मासूम नवजात के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। बूटा पिड के खाली प्लाट में फेंके जाने की क्रूर घटना की साजिश में सिर्फ नाजायज पिता और क्रूर मां की ही नहीं बल्कि और लोग भी इसमें शामिल हैं। यहीं नहीं बच्चे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:10 AM (IST)
बच्चे को जन्म से लेने से पहले मारने के लिए दे दी गई थी दवा
बच्चे को जन्म से लेने से पहले मारने के लिए दे दी गई थी दवा

सुक्रांत, जालंधर

जन्म लेने के बाद कुंवारी मां के हाथों मरने के लिए बूटा पिंड के खाली प्लाट में कूड़े के ढेर पर फेंके गए नवजात के मामले में नए राज खुल रहे हैं। इस घटना की साजिश में सिर्फ नाजायज पिता और क्रूर मां की ही नहीं, बल्कि और लोग भी इसमें शामिल हैं। बच्चे को मारने की साजिश जन्म लेने के बाद नहीं बल्कि पहले ही रच दी गई थी। साजिश में दयोल नगर-तिलक नगर में रहने वाला एक डॉक्टर भी शामिल था।

डॉक्टर ने बच्चे को गर्भ में ही मारने के लिए एक दवा दी थी। डॉक्टर से दवा लेने उसका नाजायज पिता मुकेश नहीं गया था, बल्कि कोई और था। लड़की ने वो दवा खाई, जिसके बावजूद जिदा बच्चे ने जन्म लिया। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस अभी लड़की को रिमांड पर नहीं लिया है। उससे अस्पताल में ही पूछताछ की जा रही है। उससे और उसके रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद मंगलवार रात को पुलिस ने उस डॉक्टर को घर से उठाया और पूछताछ की। पुलिस ने उसे सशर्त छोड़ा कि वो पुलिस को बताए बिना शहर नहीं छोड़ सकता। थाना छह के प्रभारी सुरजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यदि जांच में डॉक्टर इस साजिश में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिस डॉक्टर से दवा ली, उस पर पहले भी गलत दवा दे श्रमिक को मारने का लगा था आरोप

अभी तक जिस डॉक्टर का नाम सामने आ रहा है, उसके खिलाफ पहले भी गलत दवा देने के आरोप लग चुके हैं। कुछ साल पहले उसकी दवा से एक श्रमिक की मौत हो गई थी, जिसके बाद यह भी सामने आया था कि उसके पास कोई डिग्री नहीं है। किसी डॉक्टर के पास काम करने के बाद उसने अपनी डाक्टरी की दुकान चलानी शुरू कर दी थी। यह था मामला

बीते वीरवार को बूटा पिड स्थित एक खाली प्लाट में नवजात शिशु मिला था। इलाके में रहने वाली महिला अमनप्रीत कौर और उनकी बेटी अमरजीत कौर ने बच्चे को वहां से उठाया और अपने घर पर ले गई। सूचना मिलते ही थाना छह की पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। वहां से उसे अमृतसर के मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया, जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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