पूजा के लिए लोग घर में ही बना रहे मंदिर, बाहर जाने से कर रहे हैं परहेज
संवाद सहयोगी जालंधर कोरोना के दौर में घर में रहते हुए लोगों का रुझान पूजा की तरफ ब
संवाद सहयोगी, जालंधर
कोरोना के दौर में घर में रहते हुए लोगों का रुझान पूजा की तरफ बहुत बढ़ा है। लाकडाउन के दौरान भगवान के द्वार भी बंद कर दिए गए थे। जिस वजह से लोग पूजा पाठ के लिए बाहर नहीं जा पा रहे थे। कोरोना से बचने के लिए सब घर से ही भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। काफी घरों में छोटे मंदिरों की जगह बड़े मंदिरों ने ले ली है। अब मंदिर खोले जा रहें हैं पर फिर भी ज्यादातर लोग मंदिरों में जाने से परहेज ही कर रहे हैं। लंबे समय तक घर में रहने के बाद लोगों का रुझान पूजा की तरफ ज्यादा बढ़ गया है। नवरात्र के मौके पर भी बहुत से लोग मंदिर बनवा रहे हैं और उस में माता व भगवान की फोटो सजा रहे हैं। जिनका घर बड़ा है वो घर के किसी एक कमरे को खाली कर उसको ही मंदिर के रूप में बदल रहें। इस दौरान दुकानों से मंदिरों की बिक्री में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। लोग अपनी पसंद अनुसार मंदिर का डिजाइन बनवा रहे हैं। नवरात्रि में काफी लोग बनवा रहें हैं मंदिर :
लकड़ी के मंदिर बेचने वाले दुकानदार पल्ला का कहना है कि लाकडाउन के बाद मंदिरों की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। बहुत सारे लोगों ने अपने-अपने घरों में मंदिर बनवाए हैं। हमारे पास 500 से लेकर 5000 तक के मंदिर लोग बनवा रहे हैं। नवरात्रि में तो मंदिरों की बिक्री में और भी बढ़ोतरी हुई है। पहले के मुकाबले अब मंदिरों का रुझान बहुत बढ़ गया है। 8 साल पहले तो मंदिरों का रिवाज ही नहीं था लोग केवल फोटो बनवा कर ले जाते थे। अब लोगों की सोच बदली है, घर में मंदिर बना कर पूजा पाठ कर रहे है। छोटे मंदिर को बड़े मंदिर में बदला है :
सुषमा दुआ कहती हैं कि कोरोना से पहले हमारे घर में छोटा सा मंदिर था। अब उसी मंदिर को बड़े रूप में बदल दिया है। लाकडाउन के कारण पूजा के लिए बाहर नहीं जा सकते थे। जिस वजह से मन को शांति नहीं मिलती थी। मेरा पूरा परिवार पूजा पाठ करता है। इस लिए हम ने घर के एक कमरे में ही मंदिर बना लिया है और अब उस में पूरा परिवार रोज पूजा- अर्चना करता है।