Teej Festival 2021: आनलाइन तीज सेलिब्रेशन में बच्चों, मदर्स और टीचर्स ने दिखाया उत्साह, पंजाबी बोलियां और टप्पे की रही धूम

एपीजे प्री प्राइमरी विंग महावीर मार्ग में बुधवार को आनलाइन तीज सेलिब्रेशन की गई। बच्चे और उनकी मदर्स पारंपरिक परिधानों के साथ सज्ज-धज्ज कर इस प्रोग्राम में शामिल हुए थे। सेलिब्रेशन के दौरान पंजाबी बोलियां और टप्पे की धूम रही।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 05:29 PM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 05:29 PM (IST)
Teej Festival 2021: आनलाइन तीज सेलिब्रेशन में बच्चों, मदर्स और टीचर्स ने दिखाया उत्साह, पंजाबी बोलियां और टप्पे की रही धूम
एपीजे प्री प्राइमरी विंग के बच्चों ने आनलाइन तीज फेस्टिवल मनाया। इसमें मदर्स ने भी हिस्सा लिया।

जासं, जालंधर। एपीजे प्री प्राइमरी विंग महावीर मार्ग में बुधवार को आनलाइन तीज सेलिब्रेशन हुआ, जिसमें मदर्स एंड चाइल्ड की बेहतरीन परफार्मेंस हुई। आनलाइन क्रमवार इवेंट को आर्गेनाइज किया गया, जिसमें सभी अपनी-अपनी बारी के अनुसार परफार्मेंस दिखा रहे थे। हर किसी ने घर बैठे ही इस तीज के उत्सव में हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। सभी पारंपरिक परिधानों के साथ सज्ज-धज्ज कर इस प्रोग्राम में शामिल हुए थे। कोई पंजाबी बोलियां तो कोई पंजाबी टप्पे बोलते हुए कार्यक्रम के जरिये सभी में जोश भर रहा था।

मदर्स और बच्चों ने उठाया तीज झूले का आनंद

इस दौरान बच्चों की मदर्स ने तीज का झूला भी सजाया और उसका आनंद भी लिया। इसके अलावा मेहंदी भी लगाई और तीज के गीत भी गाए। इस कार्यक्रम में गेस्ट आफ आनर संगीता महेंद्रू, गीता सूद, अनीता पुरी थी।

एपीजी स्कूल महावीर मार्ग के आनलाइन तीज कार्यक्रम में बच्चों और मदर्स ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

अपने देश की संस्कृति से प्यार करें बच्चे

प्रिंसिपल गिरीश कुमार और प्री प्राइमरी विंग की अध्यक्ष सुषमा खरबंदा ने बच्चों के साथ-साथ उनकी मदर्स के अभिनय की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से ही बच्चों में संस्कृति से जुड़े रहने की सीख और महत्ता का पता चलता है। यही आज के समय की भी जरूरत है क्योंकि दिन-प्रतिदिन हमारी सभ्याता विलुप्त होती जा रही है। उस पर पश्चिमी सभ्यता हावी हो रही है। पहरावे से लेकर परिवारों का छोटा होना, सभी इसी के कारण है।

विदेश में भारतीय संस्कृति की धूम

प्रिंसिपल गिरीश कुमार ने कहा कि विदेश में भारतीय संस्कृति को अधिक प्रेम किया जाता है और वहां अब संयुक्त परिवारों की महत्ता समझ में आने लगी है। दूसरी ओर, हम अपनी संस्कृति से दूर हो रहे हैं ऐसे में इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों में बच्चों को शामिल करना और जागरूक करना बेहद अहम पार्ट बन गया है।

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