आक्सीजन की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए टीम गठित, बिना मंजूरी इस्तेमाल करने वालों पर होगी कारवाई

डीसी घनश्याम थोरी ने आक्सीजन के उचित प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए टीम का गठन किया है। उन्होंने आक्सीजन की सप्लाई सुचारू ढंग से चलाने के अलावा जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए 24 घंटे निगरानी करने के आदेश दिए।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:47 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:47 AM (IST)
आक्सीजन की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए टीम गठित, बिना मंजूरी इस्तेमाल करने वालों पर होगी कारवाई
डीसी घनश्याम थोरी ने आक्सीजन के उचित प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए टीम का गठन किया है।

जालंधर, जेएनएन। डीसी घनश्याम थोरी ने आक्सीजन के उचित प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए टीम का गठन किया है। उन्होंने आक्सीजन की सप्लाई सुचारू ढंग से चलाने के अलावा जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए 24 घंटे निगरानी करने के आदेश दिए। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर (आबकारी और जीएसटी) को अपने आधिकारियों की विशेष टीमों का गठन करने के लिए कहा है। ये टीमें अस्पतालों में जाकर आक्सीजन गैस की उपलब्धता और सप्लाई की जांच करेंगी। डीसी ने अस्पतालों को आक्सीजन कसंट्रेटर खरीदने और पीएसए आधारित आक्सीजन प्लांट लगाने की अपील करने की भी हिदायत की।

आक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की चेकिंग के आदेश

नौ उद्योगों को ही आक्सीजन गैस की सप्लाई करने की इजाजत देने के लिए सिर्फ दो अधिकारियों को ही अधिकार दिए गए। उन दोनों के अलावा कोई अनुमति नहीं दे सकता। पुलिस अधिकारियों को आक्सीजन सिलेंडर ले जाने वाले वाहनों की चेकिंग के निर्देश दिए गए, चाहे यह सप्लाई अस्पताल को जा रही हो या अन्य संस्थान को। यदि वाहन सहायक कमिश्नर हरदीप सिंह और डिप्टी डायरेक्टर स्थानीय निकाय सरकार विभाग दरबारा सिंह से बिना लिखित मंजूरी के उद्योगों को आक्सीजन गैस की सप्लाई करते हुए देखा गया तो सख्त कार्रवाई होगी।

गौर हो कि मरीज बढ़ने से जालंधर में आक्सीजन की किल्लत आने लगी है। हालांकि अभी प्राइवेट कंपनियों के सहयोग या दूसरे शहरों से सिलेंडर मंगवाकर डिमांड को पूरा किया जा रहा है लेकिन रफ्तार नहीं थमी तो दिल्ली जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। जालंधर में औसतन 115 मरीजों के लिए आक्सीजन कम पड़ रही है। प्रति व्यक्ति रोजाना 200 लीटर आक्सीजन के हिसाब से रोज 1.84 लाख लीटर आक्सीजन की डिमांड है, जबकि 1.60 लाख लीटर भी मुश्किल से मिल रही है। रोजाना 46 लीटर वाले पांच सौ सिलेंडर कम मिल रहे है। इस कमी को जिला प्रशासन ने भी स्वीकार किया है और सरकार को पत्र भी लिखा है।

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