मिशन शत-प्रतिशत: जालंधर में कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षक देंगे एक्सट्रा कोचिंग, विभाग ने तैयारियां की शुरू

जालंधर में शिक्षा विभाग ने मिशन शत-प्रतिशत को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। यानी कि हरेक बच्चा पास हो कोई भी फेल न हो। इसमें भी विभाग ने मिशन को दो भाग में बांटा है। प्रत्येक विद्यार्थी को दूसरे विद्यार्थी का बडी बनाया हुआ है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:25 AM (IST)
मिशन शत-प्रतिशत: जालंधर में कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षक देंगे एक्सट्रा कोचिंग, विभाग ने तैयारियां की शुरू
जालंधर में शिक्षा विभाग ने परीक्षा को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

जालंधर [अंकित शर्मा]। जालंधर में शिक्षा विभाग की तरफ से परीक्षा को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं, क्योंकि विभाग का फोक्स अभी सिर्फ मिशन शत-प्रतिशत है। यानी कि हरेक बच्चा पास हो, कोई भी फेल न हो। इसमें भी विभाग ने मिशन को दो भाग में बांटा है, जिसमें एक तो यह कि 90 फीसद अंक लाने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा हो, इसके लिए पहले ही बच्चों पर ध्यान रखे उन्हें मोटिवेट करना, कमजोर विद्यार्थियों की प्रोग्रेस को सुधारना और उनके अंकों की बढ़ाने के लिए एक्स्ट्रा कोचिंग क्लासें लगाना है। इसके अलावा प्रत्येक विद्यार्थी को दूसरे विद्यार्थी का बडी बनाया हुआ है। ऐसे में उसे अपनी बडी के जरिए पढ़ने के लिए मोटिवेट करना है, ताकि वे मिलकर एक दूसरे की कमजोरियों को समझें और उसे आपस में दूर करें।

इसके बाद भी कोई डाउट रहता है तो वो शिक्षकों को बताकर अपने डाउट दूर करें। यही कारण है कि स्कूलों की तरफ से बच्चों की तरफ ध्यान देने के उद्देश्य से एक्स्ट्रा कोचिंग क्लासें लगाना शुरू कर दिया है, जिसमें विद्यार्थी स्कूल समय से पहले व बाद तक रुककर अपने डाउट्स को क्लियर करने में जुट चुके हैं। उसका कारण यही है कि विद्यार्थियों का यही कहना था कि उनकी आनलाइन क्लास के दौरान पढ़ाई तो हुई, मगर स्कूल की क्लास न हो पाने की वजह से अपने डाउट्स को सही तरह से दूर नहीं कर पाते थे। क्योंकि मोबाइल सिग्नल व नेट की स्पीड का भी आनलाइन क्लास पर असर पड़ता था। हालांकि लेक्चर रिकार्डिड भी भेजे गए थे, जिससे उन्हें काफी मदद मिली। पर फिर भी कहीं न कहीं डाउट्स रह जाते थे। जिन्हें अब स्कूल आकर दूर करने में ज्यादा मदद मिल रही है।

गौर हो कि इसे लेकर शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार भी निरंतर विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्रिंसिपल, स्कूल हेड, प्रत्येक विषय के जिला व ब्लाक मेंटोर सहित शिक्षा सुधार टीमों से इंट्रेक्शन कर रहे है। जिसमें वे उनसे भी सुझाव ले रहे हैं कि मिशन को शत-प्रतिशत के लिए क्या करें और अपने सुझाव भी दे रहे हैं। उनका यही कहना है कि अगर अब हम थोड़ा सा भी बच्चों को दिसंबर में हुए विश्लेषण पर ज्यादा ध्यान देंगे तो मिशन शत-प्रतिशत होगा ही। क्योंकि सभी के सामने उनके-उनके यहां के रिकार्ड लगभग पहुंच चुके हैं।

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