जालंधर में शिक्षकों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, कालेजों में परीक्षाओं का बायकाट करने की चेतावनी

जालंधर में पीसीसीटीयू के आह्वान पर एचएमवी डीएवी एलकेसी के टीचिंग स्टाफ भी सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार अपना अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं जिस वजह से उनकी मांगें लागू नहीं हो पा रही है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 02:13 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 02:13 PM (IST)
जालंधर में शिक्षकों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, कालेजों में परीक्षाओं का बायकाट करने की चेतावनी
जालंधर में एचएमवी कालेज के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शिक्षक।

जासं, जालंधर। पीसीसीटीयू के आह्वान पर एचएमवी, डीएवी, एलकेसी के टीचिंग स्टाफ भी सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। मगर उनकी मांगों संबंधी और उनकी नराजगी जानने के लिए अभी तक कोई भी सरकार व प्रशासन का नुमाइंदा न आने की वजह से उनका गुस्सा भी निरंतर बढ़ रहा है। क्योंकि उनका मानना है कि सरकार अपना अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं, जिस वजह से उनकी मांगें लागू नहीं हो पा रही है। सरकार की इसी नाराजगी की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई बंद करके वे हड़ताल पर चल रहे हैं।

इसके बावजूद सरकार उन्हें अंदाज ही कर रही है। अब अध्यापकों ने चेतावनी दी है कि विद्यार्थियों की पढ़ाई बंद करने के बाद अब आगे आने वाली परीक्षाओं का बायकाट करेंगे। ऐसे में हर प्रकार की स्थिति के लिए खुद सरकार जिम्मेदार होगा, जो उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही। क्योंकि पंजाब ही ऐसा राज्य है, जहां पर शिक्षकों के साथ निरंतर खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ ही शिक्षक संघर्ष की राह पर उतरे हैं, वे नहीं चाहते की विद्यार्थियों की नुकसान हो मगर वे मजबूरी में इस रास्ते पर चले हैं।

एचएमवी लोकल यूनिट की प्रधान डा. आश्मीन कौर ने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि अध्यापकों का जज्बा बहुत मजबूत है। सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर मांगों को मानना ही होगा। सचिव डा. शालू बत्तरा ने कहा कि सरकार इस प्रकार का रवैया अपनाकर पंजाब में शिक्षा का भविष्य अंधकारमय बना रही है। पहले कोरोना के कारण और अब शिक्षण संस्थान बंद रहन से शिक्षा पर प्रभाव पड़ा और अब सरकार की बेरुखी की वजह से। उन्होंने कहा हम अध्यापक भी कक्षाओं से बाहर निकल कर खुश नहीं है लेकिन यह हमारे हकों की लड़ाई है। संयुक्त सचिव डा. सीमा खन्ना, सविता, शेफाली आदि थे।

कालेज नान टीचिंग कर्मचारियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

एचएमवी में नान टीचिंग कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जाहिर किया। कालेज का काम ठप कर सरकार प्रति अपनी नराजगी जाहिर की। सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों की मुख्य मांगों में एक दिसंबर 2011 से ग्रेड-पे की नोटिफिकेशन जारी की जाए, मेडिकल भत्ता 350 रुपे से 500 रुपये हो, हाउस रैंट का लाभ देना, मंहगाई भत्ते के बकाया के लिए अधिसूचना जारी करना, एक जनवरी 2017 से पांच फीसद अंतरिम राहत की अधिसूचना जारी की जाए, तीन साल पूरे होने पर ठेके पर रखे कर्मचारियों को रेगुलर की करना आदि शामिल है। अगर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती तो वे इससे भी कड़ा संघर्ष करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि मांगों के मानने तक वे अब पीछे हटने के तैयार नहीं हैं।

बता दें कि इश मामले को लेकर यूनियन के सदस्य निरंतर शिक्षा मंत्री सहित आला अधिकारियों के साथ मुलाकात कर अपनी मांगें व परेशानियां सुना चुके हैं। जिस पर उन्हें यही आश्वासन मिला कि जल्द से जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई होगी, मगर नतीजे के तौर पर उनके हाथ कुछ नहीं लग रहा। यही कारण है कि यूनियन के सदस्यों ने अब संघर्ष की राह अपनाने का फैसला लिया है। इस मौके पर रमन बहल, पंकज ज्योति, लखविंदर सिंह, रवि मैनी, इंदु बाला, रक्षा रानी, सीमा जोशी, सोनिया, तेज कुमार, कमलेश पांडे, केवल कृष्ण, करमचंद, रमेश कुमार, राजीव भाटिया, सुरेश कुमार, रजित उप्पल, बचन लाल, राम लुभाया, शिव लाल, मनोहर लाल आदि थे।

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