हिदी, पंजाबी के शिक्षकों ने पास किया अंग्रेजी स्पीकिग आनलाइन टेस्ट
अंग्रेजी भाषा का हर शिक्षक में कौशल भरने के लिए रखी गई आनलाइन मीटिग कम स्पीकिग टेस्ट हिदी पंजाबी एसएस साइंस विषय के शिक्षकों ने पास कर लिया है।
अंकित शर्मा, जालंधर
अंग्रेजी भाषा का हर शिक्षक में कौशल भरने के लिए रखी गई आनलाइन मीटिग कम स्पीकिग टेस्ट हिदी, पंजाबी, एसएस, साइंस विषय के शिक्षकों ने पास कर लिया है। यह आनलाइन टेस्ट मीटिग इंग्लिश बूस्टर क्लब के तहत लिया गया। राज्य के करीब 15300 शिक्षक इस क्लब से जुड़े चुके हैं, जिनमें से जालंधर के करीब 500 शिक्षक हैं। प्रत्येक जिले के शिक्षकों की अंग्रेजी बोलने की शैली को सुधारने व उनके डर को दूर करने के लिए ही यह क्लब बनाया गया है। इस क्लब में शामिल हुए प्रत्येक शिक्षक को आनलाइन मीटिग कम स्पीकिग टेस्ट से गुजरना है। इसके लिए साप्ताहिक प्लान तैयार किया गया। बेहतर स्पीकर रहने वालों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मनित किया जाएगा। इस प्रोग्राम की देखरेख अंग्रेजी विषय के जिला मेंटोर व ब्लाक मेंटोर कर रहे हैं। जिले का यह टेस्ट पहले शुक्रवार को होना था, मगर किन्हीं कारणों की वजह से स्थगित कर दिया गया था और शनिवार को हुआ। अंग्रेजी बोलने की झिझक को दूर करना ही क्लब का उद्देश्य
अंग्रेजी और एसएसटी विषय के स्टेट रिसोर्सपर्सन चंद्र शेखर कहते हैं कि अंग्रेजी विषय के शिक्षकों के अलावा बाकी शिक्षकों में झिझक, संकोच ज्यादा देखा गया है। हर शिक्षक अंग्रेजी भाषा का प्रवाह अच्छी तरह से करे और उनमें आत्मविश्वास जगाने के लिए ही यह प्रयास किया जा रहा है। इसमें अब विभिन्न विषयों के पांच-पांच शिक्षकों का चयन किया गया और अब अगले फेस में स्कूल प्रिसिपल, स्कूल हेड, प्राइमरी स्कूलों से हेड टीचर, सेंटर हेड टीचर को शामिल करके एक्टिविटी करवाई जाएगी। प्रत्येक फेस में पास होने वाले शिक्षक अपने-अपने विषय का बडी शिक्षक बनाएंगे। ताकि उन्हें आपसी कम्युनिकेशन अंग्रेजी भाषा में चलता रहे और उनका आत्मविश्वास भी बढ़े।
अंग्रेजी बोलने की इच्छा रखने वाला विद्यार्थी व शिक्षक जुड़ सकता क्लब से
क्लब से जुड़ने की शर्तें यही थी कि स्वेच्छा से कोई भी शिक्षक इससे जुड़ सकता है, जो अंग्रेजी बोलने की शैली में सुधार करना चाहता है। फिर वो चाहे विद्यार्थी और शिक्षक ही क्यों न हो। इसके तहत ही विभिन्न विषय के शिक्षकों का चयन किया गया और आनलाइन स्पीकिग टेस्ट रखा गया। इस टेस्ट की शर्त यही थी कि मीटिग में शामिल होने वाले प्रत्येक सदस्य को बोलने का मौका मिलेगा और अंग्रेजी में ही हर कोई बातचीत व अपनी बात रखेगा।