तरसेम लाल बने एनआरएमयू मेन ब्रांच के शाखा अध्यक्ष
नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन ने मीटिंग करके सरकार की नीतियों का विरोध कर रद किए श्रम कानूनों को फिर से बहाल करने की मांग की। म
जासं, जालंधर :
नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन ने मीटिंग करके सरकार की नीतियों का विरोध कर रद किए श्रम कानूनों को फिर से बहाल करने की मांग की। मीटिग में तरसेम लाल को मेन ब्रांच का शाखा अध्यक्ष, अशोक सैनी को सहायक सचिव, वरिदर नरवारिया को सहायक मंडल सचिव बनाया गया। इसके अलावा स्टेशन ब्रांच से गुरमीत सिंह को शाखा सचिव, मुकेश कुमार को शाखा अध्यक्ष चुना गया। मीटिग की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष कुलविदर सिंह ने की और इसमें सचिव शिव दत्त विशेष तौर पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मजदूर विरोधी मौजूदा सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। उनकी जगह पर चार श्रम कानून का बिल लाया गया हैं, जो मजदूर विरोधी हैं। जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और कर्मचारियों की सिक्योरिटी भी खत्म होगी। मंडल अध्यक्ष कुलविदर ने कहा कि आने वाला समय युवाओं के लिए घातक है और सबसे ज्यादा नुकसान भी युवाओं को ही है। परमिदर सिंह पिंके के सेवानिवृत होने पर यूनियन ने उनका सम्मान किया। इस मौके पर मनोज कुमार, भूपिदर सिंह, रमेश भल्ल, अश्वनी कुमार, लखबीर सिंह, दीपक गुप्ता, राज कुमार, बलवीर सिंह, बलराज, अमित कुमार, विकास शर्मा, रजिदर कुमार, रितू, सुरिदर कुमारी, रोहित, आरडी सिंह आदि थे। नए लेबर कोड से श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का होगा हनन : विकास जासं, जालंधर : नया लेबर कोड श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला है। सरकार का काम है कि वे सभी की नौकरियों को सुरक्षित बनाने के लिए कानून बनाए। मगर इसके विपरीत सरकार नौकरी से हटाने के नियम ही आसान कर रही है। उक्त बातें उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) की बैठक में ब्रांच सचिव विकास जेतली ने कही। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए, सभी की आजीविका सुरक्षित रहे।
परंतु नए कानून के तहत कंपनियों को बंद करने के नियम में ढील दी गई है। नए लेबर कोड के तहत अब किसी भी उद्योग में मान्यता हेतु कर्मचारी फेडरेशन, यूनियन को 51 फीसद मत चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता तो नेगोसेशन काउंसिल के सहयोग के लिए न्यूनतम 20 फीसद मत होना चाहिए। कर्मचारी अब हड़ताल नहीं कर सकते। चाहे श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया जाए, चाहे उनकी तनख्वाह कम कर दी जाए।