ED ने सात करोड़ रुपए की एफडी और लॉकर फ्रीज किए, लुधियाना, मोहाली, चंडीगढ़ व नवांशहर में विभिन्न परिसरों में ली थी तलाशी

ईडी की तरफ से लुधियाना मोहाली चंडीगढ़ और नवांशहर में विभिन्न आठ परिसरों में चलाए गए तालाशी अभियान के दौरान करीब 7 करोड़ रुपए की एफडी और बैंक लॉकर फ्रीज किए हैं। तलाशी के दौरान उपरोक्त के अलावा कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मोबाइल फोन आदि भी जब्त किए गए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:46 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:46 AM (IST)
ED ने सात करोड़ रुपए की एफडी और लॉकर फ्रीज किए, लुधियाना, मोहाली, चंडीगढ़ व नवांशहर में विभिन्न परिसरों में ली थी तलाशी
पंजाब के विभिन्न जिलों में ईडी ने कार्रवाई करते हुए सात करोड़ रुफए की एफडी और लॉकर फ्रीज किए हैं।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से लुधियाना, मोहाली, चंडीगढ़ और नवांशहर में विभिन्न आठ परिसरों में चलाए गए तालाशी अभियान के दौरान करीब 7 करोड़ रुपए की एफडी और बैंक लॉकर फ्रीज किए हैं। इसके अलावा 10 लाख रुपये से अधिक और कुछ विदेशी मुद्रा जब्त की गई। ईडी के सूत्रों से जानकारी मिली है कि तलाशी के दौरान उपरोक्त के अलावा कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन आदि भी जब्त किए गए हैं। ईडी ने वीरवार को सुरिंदर पाल सिंह पहलवान, उनके सहयोगियों के आवासीय/व्यावसायिक परिसरों और गुरदीप सिंह जुझार के आवासीय परिसरों और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के मुख्य व्यावसायिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था।

प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत सुरिंदर पाल सिंह और अन्य के खिलाफ तलाशी ली गई।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जांच अप्रैल 2021 में शुरू की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सतर्कता ब्यूरो, पंजाब द्वारा सुरिंदर पाल सिंह और उनके सहयोगियों आदि के खिलाफ बहु करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अपनी पसंदीदा कंपनियों एवं फर्मो को आवंटित करने में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए प्राथमिकी और चार्जशीट दर्ज की गई थी।

इन फर्मों के पक्ष में सुरिंदर पाल सिंह द्वारा रिश्वत के रूप में अर्जित धन को उसके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के नाम पर उसकी फर्जी फर्मों में परिचालित किया गया था। ईडी द्वारा जांच के दौरान यह भी पाया गया कि सुरिंदर पाल सिंह अथवा उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों के इस दागी पैसे का कुछ हिस्सा गुरदीप सिंह जुझार (झुझार ट्रांसपोर्ट ग्रुप और फास्टवे ग्रुप के मालिक) के पास भी गया था।

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