जिले में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज, विभाग नही है तैयार

कोरोना डेंगू और स्क्रब टायफस के बाद अब स्वाइन फ्लू ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 04:30 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 04:30 AM (IST)
जिले में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज, विभाग नही है तैयार
जिले में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज, विभाग नही है तैयार

जागरण संवाददाता, जालंधर : कोरोना, डेंगू और स्क्रब टायफस के बाद अब स्वाइन फ्लू ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए। सोमवार को जिले में स्वाइन इंफ्लूएंजा वायरस ए (एच1एन1) का पहला मरीज रिपोर्ट हुआ। शाहकोट के गांव महमोवाल की 65 साल की महिला को स्वाइन फ्लू पाजिटिव होने की पुष्टि हुई। महिला पीजीआइ चंडीगढ़ में दाखिल है। बुजुर्ग महिला को परिजन पेशाब के साथ खून आने की वजह से नकोदर के सिविल अस्पताल में लेकर गए थे। वहां रविवार को उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद पीजीआइ रेफर कर दिया गया। वहां डाक्टरों की टीम ने गहन जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की। उधर पीड़ित बुजुर्ग की बेटी राज कौर ने बताया कि माता के पेशाब के ब्लैडर में रसौली होने की वजह से पहले भी पीजीआइ चंडीगढ़ में आपरेशन हो चुके है। शनिवार को पेशाब में खून आना बंद नहीं हो रहा था। डाक्टरों ने मरीज से दूरी बनाए रखने के लिए कहा है। गांव में परिवार को भी सूचित कर दिया है। उधर महिला की की रिपोर्ट चंडीगढ़ से जालंधर पहुंची तो विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में अफरी-तफरी मच गई। कारण, एक के बाद एक बीमारी पैर पसारने लगी है और सेहत विभाग तैयार नहीं है। बता दें कि साल 2 जून 2009 में पहली बार जालंधर से ही स्वाइन फ्लू का पहला मरीज रिपोर्ट हुआ था।

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बच्चों के लिए नहीं है सीरप

स्वाइन फ्लू को लेकर सेहत विभाग तैयार नहीं है। विभाग के पास बच्चों को दिए जाने वाले ओसेल्टामीवीर और जेनामीवीर के सीरप का स्टाक नहीं है। हालांकि इससे पहले सेहत विभाग की ओर से जिला स्तर के अस्पतालों को अलर्ट किया जा चुका है। इसके बावजूद अस्पताल में फ्लू कार्नर भी नहीं बनाया गया। कोई अलग वार्ड भी आरक्षित नहीं रखा गया। इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का भी पर्याप्त स्टाक नहीं है। 23 वेंटीलेटर तो हैं लेकिन ज्यादातर ट्रामा सेंटर में लगे हैं। स्टाफ को वैक्सीन लगनी शुरू

जिला महामारी अधिकारी डा. शोभना बंसल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज करने वाले स्टाफ के लिए पांच सौ के करीब वैक्सीन की डोज आई थी। उन्हें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दिलकुशा मार्केट में वैक्सीन के होलसेलर नरिदर सहगल का कहना है कि केवल दो कंपनियां वैक्सीन बना रही है। ज्यादातर बच्चों को वैक्सीन लग रही है। हर माह सात हजार के करीब डोज बिक जाती है।

------- गांव में भेजी जाएगी टीम

सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह ने कहा कि शाहकोट के एसएमओ को गांव में सर्वे के लिए टीमें भेजने के निर्देश दिए हैं। महिला के परिवार के सदस्यों को भी दवा दी जाएगी। एक सप्ताह तक विभाग की टीम उन पर निगरानी रखेगी। ओसेल्टामीवीर और जेनामीवीर की गोलियों का पर्याप्त स्टाक है लेकिन सीरप नहीं है। संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर चंडीगढ़ भेजेंगे। निजी अस्पतालों को भी पत्र जारी कर दिया है।

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मरीज आते ही आइसोलेशन वार्ड बना देंगे

सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. सुरजीत सिंह का कहना है कि अस्पताल में फिलहाल कोई मरीज नहीं आया। अस्पताल में आईसीयू बने हुए है। मरीज पहुंचते ही उसे आईसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया जाएगा।

----- ऐसे रखें बचाव

-खांसी व छींकते समय मुंह व नाक को साफ कपड़े से ढक ले।

-अपने नाक, मुंह व आंखों को छूने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।

-भीड़ वाले इलाके में न जाएं।

-पूरी नींद सोए, शरीरिक तौर पर चुस्त रहो और तनाव से प्रभावशाली ढंग से सामना करे।

-पानी का अत्याधिक प्रयोग करे व पौष्टिक आहार ले।

-गर्भवती महिलाएं, 65 साल से अधिक आयु के लोग खास परहेज करे।

-गर्म पानी में नमक डालकर पीए।

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इधर डेंगू के चार मरीज भर्ती

सिविल अस्पताल में डेंगू के संदिग्ध मरीजों के दाखिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। चार संदिग्ध दाखिल हुए। एक पहले से दाखिल है।

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