बिना मंजूरी बने डंप खत्म नहीं कर पाया निगम, 25 प्रतिशत कूड़ा ही खाद में बदल रहा

जालंधर नगर निगम ने तय किया था कि शहर में बिना मंजूरी बने डंपों को एक महीने में खत्म किया जाएगा लेकिन इस पर ज्यादा काम नहीं हो पाया। नगर निगम के लिए अब यही रास्ता बचा है कि जनता की राय को पाजिटिव करने में जोर लगाया जाए।

By Edited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:01 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 11:26 AM (IST)
बिना मंजूरी बने डंप खत्म नहीं कर पाया निगम, 25 प्रतिशत कूड़ा ही खाद में बदल रहा
स्वच्छता सर्वे 2021 के शुरू होने में सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है।

जालंधर, जेएनएन। केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वे 2021 के शुरू होने में सिर्फ एक सप्ताह का समय रह गया है, ऐसे में नगर निगम अब डंप खत्म करने और कूड़े की प्रोसेसिंग बढ़ाने से फोकस हटाकर पब्लिक फीडबैक सुधारने में लगा है। स्वच्छता सर्वे के लिए केंद्र की टीमें निगम के कामकाज की समीक्षा पांच मार्च से करेंगी लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था, वेस्ट मैनेजमेंट समेत कई मुद्दों पर जनता की राय लेने के लिए केंद्र का सर्वे शुरू हो चुका है। इसके लिए नगर निगम के उपलब्ध करवाए गए फोन नंबरों पर ही संपर्क साधा जा रहा है।

ऐसे में नगर निगम की यह कोशिश है कि जनता का फीडबैक ठीक जाए ताकि फीडबैक के अंक अधिक से अधिक मिल सकें। नगर निगम ने तय किया था कि शहर में बिना मंजूरी बने डंपों को एक महीने में खत्म किया जाएगा लेकिन इस पर ज्यादा काम नहीं हो पाया। नगर निगम के लिए अब यही रास्ता बचा है कि जनता की राय को पाजिटिव करने में जोर लगाया जाए। नगर निगम ने शहर में डंपों के आसपास के इलाकों को सुधारने पर जोर लगाया है। फुटपाथ बनाए जा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह सड़कों के किनारे कूड़ा ना फेंकें। हालांकि यह मुहिम भी तेजी नहीं पकड़ पाई है और ना ही इसका नतीजा अच्छा आया है। शहर में इस समय 50 से ज्यादा बिना नोटिफाई किए डंप हैं जो सड़कों के किनारे बना दिए गए हैं। इन सभी को खत्म किया जाना था। केंद्र की टीमों का फोकस ऐसे ही डंपों पर राहत है। केंद्र की टीम फिजिकल वेरिफिकेशन के बजाय आनलाइन सर्व पर ही जोर दे रही है लेकिन अगर टीम आ जाती है तो मुश्किल खड़ी हो सकती है।

सिर्फ 25 प्रतिशत ही कूड़ा खाद में बदला जा रहा

नगर निगम शहर से निकलने वाले गीले कूड़े में से सिर्फ 25 प्रतिशत कूड़े को ही खाद में बदल पा रहा है। इसमें भी एक बड़ा योगदान कामर्शियल यूनिट्स का है जिनके लिए यह जरूरी किया गया है कि वह अपने परिसर में ही वेस्ट को खाद में बदलेंगे। इनमें बड़े होटल कालेज स्कूल पैलेस रेस्टोरेंट्स शामिल है। निगम के हेल्थ अफसर डा श्रीकृष्ण का कहना है कि कूड़े की प्रोसे¨सग पहले से अधिक हो गई है और अगले महीने में इसमें काफी सुधार देखने को मिलेगा। नगर निगम ने पिट्स प्रोजेक्ट शुरू किया है लेकिन इसके नतीजे अभी अच्छे नहीं आ रहे हैं। पिट्स निर्माण भी 25 प्रतिश्त ही हो पाया है। यह तभी काम करेगे जब घरों से गीला और सूखा कूड़ा अलग होने के काम के लिए भी मशीनरी मिलेगी।

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