फर्जी नाम-पते पर खुले बैंक खाते से लाखों का संदिग्ध लेन-देन, जांच में जुटी पुलिस व केंद्रीय एजेंसी Jalandhar News

जांच में पता चला है कि डिफेंस कॉलोनी के जिस राहुल शर्मा के नाम पर यह बैंक खाता है उसका नाम व पता ही फर्जी है। बैंक में खाता खुलवाने के लिए जो दस्तावेज लगाए गए वो भी फर्जी निकले।

By Sat PaulEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 09:00 AM (IST)
फर्जी नाम-पते पर खुले बैंक खाते से लाखों का संदिग्ध लेन-देन, जांच में जुटी पुलिस व केंद्रीय एजेंसी Jalandhar News
फर्जी नाम-पते पर खुले बैंक खाते से लाखों का संदिग्ध लेन-देन, जांच में जुटी पुलिस व केंद्रीय एजेंसी Jalandhar News

जालंधर, [फरीद शेखूपुरी]। बीमएसी चौक के पास स्थित एक प्राइवेट बैंक में खुले खाते से लाखों का संदिग्ध लेन-देन का पर्दाफाश हुआ है। यह लेन-देन जालंधर में नहीं, बल्कि पंजाब के अन्य जिलों और उत्तर प्रदेश, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से हुआ है। मामले की भनक जब केंद्र सरकार की वित्तीय खुफिया यूनिट को लगी तो उन्होंने तुरंत पंजाब के डीजीपी इंटेलिजेंस को पत्र भेजकर इसकी जांच के लिए कहा। जब जांच शुरू हुई तो इस संदिग्ध लेन-देन में हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई।

जांच में पता चला है कि डिफेंस कॉलोनी के जिस राहुल शर्मा के नाम पर यह बैंक खाता है, उसका नाम व पता ही फर्जी है। बैंक में खाता खुलवाने के लिए जो दस्तावेज लगाए गए, वो भी फर्जी निकले। केंद्रीय वित्तीय खुफिया विभाग ने बैंक खाते को सील करा दिया है। पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग के आइजी के पत्र पर जालंधर पुलिस ने आरंभिक जांच के बाद थाना नई बारादरी में राहुल शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अभी इसमें फर्जी दस्तावेज पर बैंक खाता खुलवाने का केस दर्ज किया है।

इसके बाद केंद्रीय वित्तीय खुफिया विभाग की मदद से पंजाब की इंटेलिजेंस व जालंधर पुलिस ने संदिग्ध लेन-देन की जांच शुरू कर दी है। उक्त बैंक खाते में पैसे जमा कराने वालों से लेकर उसे निकलवाने वालों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इसके लिए पुलिस को दिल्ली के दो बैंक खातों का पता चला है, जहां से इस खाते से पैसा ट्रांसफर किया गया था। यही नहीं जिन एटीएम से पैसे निकलवाए गए, उनकी सीसीटीवी फुटेज लेने और उन लोगों का पता लगाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

घर के पते पर निकली दुकान, ड्राइविंग लाइसेंस भी फर्जी

केंद्रीय वित्तीय खुफिया विभाग से पत्र मिलने के बाद डीजीपी इंटेलिजेंस की तरफ से आइजी इंटेलिजेंस ने जालंधर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इसकी जांच के लिए कहा। कमिश्नरेट पुलिस ने मामले की जांच की तो सामने आया कि उक्त बैंक खाताधारक राहुल शर्मा ने जालंधर की डिफेंस कॉलोनी में जहां अपना घर बताया था, वहां पर एक दुकान है। इस दुकानदार का बैंक में खुले खाते या उसके मालिक यानि राहुल शर्मा से कोई लेना-देना नहीं है। वह राहुल शर्मा नाम के किसी व्यक्ति को जानता तक नहीं है। राहुल शर्मा नाम के व्यक्ति ने जिस ड्राइविंग लाइसेंस पर बैंक खाता खुलवाया था, वह भी फर्जी निकला। इसकी पुष्टि ट्रांसपोर्ट महकमे से हो गई। यही नहीं, राहुल शर्मा ने जिन दो मोबाइल नंबरों को बैंक खाते के साथ लिंक किया था, वह चंडीगढ़ के किसी कृष्ण सिंह के नाम पर थे। पुलिस वहां पहुंची तो वहां भी राहुल नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला।

सिर्फ छह महीने में 15 लाख का लेन-देन, बाहरी राज्यों से आए पैसे

केंद्र सरकार की वित्तीय खुफिया एजेंसी ने पंजाब पुलिस को बैंक खाता नंबर के साथ पत्र भेजकर बताया कि यह खाता 94, डिफेंस कॉलोनी, जालंधर में रहने वाले राहुल शर्मा पुत्र दर्शन लाल के नाम पर है। बीएमसी चौक के पास महावीर मार्ग की बद्रीदास कॉलोनी में खुले एक्सिस बैंक के इस खाते से सिर्फ छह महीने में 15 लाख का लेन-देन हुआ। केंद्रीय वित्तीय खुफिया विभाग ने अपनी आरंभिक जांच में यह भी बताया कि इस बैंक खाते में जालंधर से बाहर यूपी, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि जगहों से पैसे जमा किए गए। इसके अलावा इन्हें पंजाब के लुधियाना और दिल्ली में एटीएम से निकाला गया। लेन-देन के लिए आइएमपीएस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया। बैंक ट्रांजेक्शन के लिए इमिडिएट पेमेंट सर्विस (आइएमपीएस) का इस्तेमाल इसलिए किया गया। क्योंकि इससे चंद सैकेंड में ही सारा पैसा दूसरे बैंक खाते में पहुंच जाता है। बाकी तरीकों से पेमेंट पहुंचने में देरी लगती है।

2015 के बाद बंद हो गया लेन-देन

चार जून 2015 के बाद अचानक उक्त खाते में लेन-देन बंद हो गया। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने शुरुआती जांच के बाद बैंक खाताधारक से संपर्क करना चाहा लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद वह खाता फ्रीज करा दिया गया। इस दौरान पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि शहर में ही नामदेव चौक पर राहुल शर्मा के नाम पर ही कोटेक महिंद्रा बैंक में एक और खाता खुला है और एक खाता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में है। इन दोनों खातों में इस एक्सिस बैंक वाले खाते से पैसा भेजा गया। हालांकि यूनियन बैंक वाला खाता किसी जसवंत राठौर के नाम पर है जो श्याम विहार, हल्दीपुर दिल्ली का है। इसके खातों से ज्यादातर ट्रांजेक्शन इन्हीं दो खातों में हुई है। इनमें पैसा जमा कराने के बाद ही पैसा एटीएम के जरिए अलग-अलग प्रदेशों के एटीएम से निकाला गया।

आतंकी फंडिंग या फिर ठगी तो नहीं?

आतंकी फंडिंग या फ‍िर ठगी तो नहीं

इस संदिग्ध लेन-देन के पीछे का असल कारण सामने नहीं आया है लेकिन जिस हिसाब से केंद्रीय वित्तीय खुफिया एजेंसी और पंजाब इंटेलिजेंस सक्रिय हुई है, उससे इसमें बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। आतंकी फंडिंग भी इसी तरीके से की जाती है ताकि कभी वह खाता सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आए तो असली मालिक का पता न चल सके। इसे ठगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि इसमें ट्रैवल फंडिंग की भी बात कही गई है। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट जिक्र नहीं है कि ट्रैवल कहां के लिए था। जाहिर तौर पर शुरुआती जांच की वजह से अभी इसमें लेन-देन के बारे में कुछ उजागर नहीं किया जा रहा है।

दो साल की जांच प्रक्रिया के बाद दर्ज हुआ केस

केंद्र की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने बैंक खाताधारक के खिलाफ शिकायत आने पर जांच के बाद सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन रिपोर्ट (एस टी आर) सात सितंबर 2017 को डीजीपी इंटेलिजेंस, पंजाब को भेजी। इसके बाद पंजाब पुलिस की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के आइजी की ओर से जालंधर कमिश्नरेट पुलिस को 24 फरवरी 2018 को शिकायत दी गई। इसके बाद एडीसीपी इन्वेस्टिगेशन की निगरानी में आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की गहराई से जांच करते हुए उक्त बैंक खाताधारक से जुड़ी हर जानकारी को जुटाया। इसके बाद उक्त बैंक खाताधारक के खिलाफ थाना नई बारादरी में 13 दिसंबर को केस दर्ज किया गया।

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