सुखबीर बादल आज फगवाड़ा में वर्करों से करेंगे मीटिंग, किसान आंदोलन पर रणनीति होगी तय

जालंधर से जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण के नेतृत्व में कार्यकर्ता मीटिंग में शामिल होंगे। वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह राणा और सुभाष सोंधी ने बताया कि किसान आंदोलन के लिए पार्टी अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा उस पर अमल करेंगे।

By Edited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 05:15 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 09:52 AM (IST)
सुखबीर बादल आज फगवाड़ा में वर्करों से करेंगे मीटिंग, किसान आंदोलन पर रणनीति होगी तय
जालंधर कपूरथला और होशियारपुर जिलों की वर्कर मीट में किसान आंदोलन पर रणनीति तय होगी।

जालंधर, जेएनएन। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल रविवार को फगवाड़ा के गुरुद्वारा सुखचैनआना साहिब में मीटिंग करेंगे। जालंधर कपूरथला और होशियारपुर जिलों की वर्कर मीट में किसान आंदोलन पर रणनीति तय होगी। जालंधर से जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण के नेतृत्व में कार्यकर्ता मीटिंग में शामिल होंगे। वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह राणा और सुभाष सोंधी ने बताया कि किसान आंदोलन के लिए पार्टी अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा उस पर अमल करेंगे। रणजीत सिंह राणा ने कहा कि मीटिंग में अगली रणनीति तय होगी जो कि राज्य के लिए बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि किसान हितों के लिए शिरोमणि अकाली दल कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है।

किसानों के हर संघर्ष में सहयोग करेगा मुस्लिम भाईचारा : अख्तर

पंजाब कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव व आल इंडिया जमात-ए-सलमानी बिरादरी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तर सलमानी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों द्वारा किए जाने वाले हर तरह के संघर्ष में मुस्लिम भाईचारा सहयोग करेगा। शनिवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सदैव किसानों, मजदूरों व अल्पसंख्यकों के खिलाफ ही कानून व नियम बनाए हैं। जबकि, कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जिससे गरीब वर्ग की परेशानियां बढ़ रही है। इसी तरह उनके साथ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवासी सेल के उप-चेयरमैन व पंजाब लेबर एंड कंस्ट्रक्शन बोर्ड के सदस्य जब्बार खान ने कहा कि एक तरफ खाद्य पदार्थों की स्टॉक सीमा खत्म की जा रही है। दूसरी तरफ किसानों को फसल बेचने को लेकर सीमाएं तय की जा रही है। इस विधेयक से सबसे अधिक पंजाब की जनता प्रभावित होगी। कारण, 80 प्रतिशत लोग कृषि कारोबार से जुड़े है। जिसके चलते केन्द्र सरकार को उक्त नियम जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए।

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