लाइसेंस मिलते ही शहर में पटाखों का भंडारण शुरू, घनी आबादी वाले इलाके में हादसा होने की आशंका

दीपावली को लेकर जिला प्रशासन द्वारा हर वर्ष पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किए जाते हैं। ड्रा से लाइसेंस जारी करने के बाद इनकी बिक्री ब‌र्ल्टन पार्क में करना सुनिश्चित किया जाता है जहां पर अस्थाई दुकानों के निर्माण का काम शुरू भी कर दिया गया है।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 08:41 AM (IST)
लाइसेंस मिलते ही शहर में पटाखों का भंडारण शुरू, घनी आबादी वाले इलाके में हादसा होने की आशंका
कई पटाखा विक्रेताओं द्वारा शहर की घनी आबादी में इसका भंडारण किया जाने लगा है।

जालंधर, शाम सहगल। जिला प्रशासन द्वारा पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने के साथ ही शहर में पटाखों का भंडारण भी शुरू हो गया है। कई पटाखा विक्रेताओं द्वारा शहर की घनी आबादी में इसका भंडारण किया जाने लगा है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। यही नहीं, ब‌र्ल्टन पार्क में पटाखों की बिक्री के लिए दुकानें अलाट होने से पहले ही आसपास के इलाकों में भी पटाखों के भंडारण के लिए घरों की बुकिंग शुरू हो गई है। दीपावली को लेकर जिला प्रशासन द्वारा हर वर्ष पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किए जाते हैं।

ड्रा के माध्यम से लाइसेंस जारी करने के बाद इनकी बिक्री ब‌र्ल्टन पार्क में करना सुनिश्चित किया जाता है, जहां पर अस्थाई दुकानों के निर्माण का काम शुरू भी कर दिया गया है। यहां पर कारोबार करने वाले रिटेल तथा थोक कारोबारी ब‌र्ल्टन पार्क के आसपास के इलाकों में ही माल स्टाक करते हैं। इसी तरह अटारी बाजार के कारोबारी भी साथ लगते मोहल्लों में माल का भंडारण करने लगे हैं। इसे लेकर प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है।

उधर, डीसीपी बलकार सिंह ने कहा कि शहर में पटाखों का भंडारण करना गैर कानूनी है। इसे रोकने के लिए सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में जांच के आदेश दिए गए हैं। पकड़े जाने पर कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीते वर्ष भी घनी आबादी से पकड़ी थी पटाखों की खेप पिछले वर्ष 17 सितंबर को शेखां बाजार के साथ लगते गुरु बाजार क्षेत्र में पटाखों की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। जिला प्रशासन द्वारा यहां पर छापामारी कर जिस व्यापारी का माल पकड़ा था, वह इस वर्ष फिर से पटाखों का कारोबार करने की तैयारी कर चुका है। बताया जा रहा है कि उक्त व्यापारी द्वारा फिर से पटाखों का भारी भंडारण किया गया है।

जीएसटी बचाने के लिए भी किया जा रहा खेल पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। अधिकतर रिटेल तथा थोक व्यापारी पटाखों की बिक्री करते समय पक्का बिल नहीं देते। प्रतिस्पर्धा के दौर में जीएसटी बचाकर कारोबार चमकाने वाले व्यापारी अभी से बिना बिल के पटाखों की सप्लाई देने लगे हैं। इन इलाकों में हुआ भंडारण इस बार शहर के कई तंग तथा रिहायशी इलाकों में पटाखों का भंडारण किया गया है। इसमें कैंचियां वाला बाजार, पीर बोदलां बाजार, गुरु बाजार चौक, चौक कादेशाह, बाजार शेखां, तेल वाली गली, इमाम नासिर, गुड मंडी तथा इसके साथ लगते इलाके शामिल हैं।

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