वार्डो में लगे ताले, बेड खाली, लोग महंगा इलाज करवाने को मजबूर

नर्सो की हड़ताल के दूसरे दिन सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हो गई। अस्पताल के वार्डों को ताले लग गए और बेड खाली हो गए। अधिकतर मरीजों को छुट्टी कर दी गई और जो बचे थे वे देखभाल न होती देख निजी अस्पतालों में मंहगा इलाज करवाने के लिए मजबूर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:00 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 02:00 AM (IST)
वार्डो में लगे ताले, बेड खाली, लोग महंगा इलाज करवाने को मजबूर
वार्डो में लगे ताले, बेड खाली, लोग महंगा इलाज करवाने को मजबूर

जागरण संवाददाता, जालंधर : नर्सो की हड़ताल के दूसरे दिन सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हो गई। अस्पताल के वार्डों को ताले लग गए और बेड खाली हो गए। अधिकतर मरीजों को छुट्टी कर दी गई और जो बचे थे वे देखभाल न होती देख निजी अस्पतालों में मंहगा इलाज करवाने के लिए मजबूर है। नए मरीजों को दाखिल करने से अस्पताल प्रशासन ने हाथ खींचना शुरू कर दिया है। बुधवार को सरकारी छुट्टी होने के कारण इमरजेंसी में भी गंभीर मरीजों को इलाज के लिए तरसना पड़ा। इमरजेंसी में पहुंचे रवि कुमार ने बताया कि कपूरथला रोड से अपने माता के पेट दर्द का इलाज करवाने के लिए सिविल अस्पताल में लेकर आए। मां दर्द से तड़पती रही लेकिन डाक्टर ने दाखिल करने से साफ इंकार कर दिया और दवा लिखकर दे दी। माता की बिगड़ी तबीयत देख उनको निजी अस्पताल में लेकर जाना पड़ रहा है।

जच्चा बच्चा वार्ड में दाखिल गांव पतारा की रहने वाली सुखजेना दो दिन से प्रसव हुआ था। दो दिन से अस्पताल में कोई सुधबुध लेने आया। स्टाफ ने नर्सों की हड़ताल का हवाला देकर घर जाने के लिए कह दिया। शाम को परिजन छुट्टी करवा घर चले गए।

वार्डों में मरीजों की संख्या बहुत कम होने की वजह से जच्चा बच्चा विभाग के आईसीयू खाली करवा ताले लगवा दिए। वार्डों व इमरजेंसी में नर्सिंग छात्राओं के अलावा फिजियोथैरेपी, फार्मेसी तथा लैबोरेटरी की ट्रेनिग कर रहे विद्यार्थियों से ड्यूटियां करवाई जा रही है। ड्यूटी के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। मरीज बिना इलाज के लिए लौट रहे है। अस्पताल से मरीजों को छुट्टी मिली 06

प्रसव हुआ : 01

अस्पताल से रेफर हुए : 08

अस्पताल में दाखिल हुए : 07

आपरेशन : कोई नहीं

इलाज के लिए पहुंचे कुल मरीज : 97

--------------------- सिविल अस्पताल से निराश मरीज पिम्स में पहुंचने लगे

सिविल अस्पताल में नर्सों की हड़ताल के बाद इलाज को लेकर निराश मरीज इलाज के लिए पिम्स का रुख करने लगे है। पिम्स में ओपीडी और दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या भी इजाफा होने लगा है। पिम्स प्रबंधन के अनुसार बुधवार को सिविल अस्पताल में इलाज की सुविधा न मिलने की वजह से आधा दर्जन मरीज दाखिल किए गए।

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इनकी हड़ताल से भी काम प्रभावित रहा डीएनबी विद्यार्थी : सिविल अस्पताल में डीएनबी कर रहे डाक्टरों ने भी आठवें दिन हड़ताल जारी रखी। डीएनबी के डाक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी है। इसकी वजह से अस्पताल में हड़ताल के दौरान डाक्टरों की कमी खली। एनआरडीडी लैब कर्मी : एनआरडीडीएल में कोविड टेस्टिंग का कामकाज बुधवार को भी ठप रहा। बुधवार को भी लैब में कोरोना के सैंपलों की जांच नही हुई। सहयोगी सेंटर : नशा छुड़ाओं केंद्रों, ओट्स सेंटरों तथा एआरटी सेंटर में ठेके पर तैनात स्टाफ भी बुधवार को तीसरे दिन हड़ताल जारी रही। कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर दिया है।

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