जालंधर में पालीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल रोकने के लिए बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स

एनजीटी के निर्देशन पर सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल का इस्तेमाल रोकने के लिए राज्य और जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स गठित करनी होगी। एनजीटी ने आदेश दिया कि यह टीमें दो महीने में एक बार सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट देंगी।

By Edited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:03 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:40 AM (IST)
जालंधर में पालीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल रोकने के लिए बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स
पालीथिन समेत सभी सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल के इस्तेमाल को रोकने की जिम्मेवारी अब स्पेशल टास्क फोर्स के हाथ होगी।

जालंधर, जेएनएन। पर्यावरण के लिए खतरा बने पालीथिन समेत सभी सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल के इस्तेमाल को रोकने की जिम्मेवारी अब स्पेशल टास्क फोर्स के हाथ होगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशन पर सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल का इस्तेमाल रोकने के लिए राज्य और जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स गठित करनी होगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया कि यह टीमें दो महीने में एक बार सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट देंगी। हवा, पानी और कूड़ा प्रबंधन के एनवायरमेंट प्लान के लिए बनाई गई डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट कमेटी को भी कैरी बैग और सिंगल यूज प्लास्टिक मैटीरियल का इस्तेमाल रोकने की जिम्मेवारी दी जा सकती है।

एनजीटी के अनुसार, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 को सख्ती से लागू करने से ही पालीथिन का इस्तेामल रुकेगा। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में होगा। इस टीम में लोकल बाडी, रुरल डेवलपमेंट एवं पंचायत, हाऊसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट, इंडस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस, टेक्नोलाजी एंड एनवायरमेंट, एजुकेशन डिपार्टमेंट, स्पो‌र्ट्स एंड यूथ अफेयर डिपार्टमेंट, स्किल डेवलपमेंट मिशन, पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्वच्छ भारत मिशन अर्बन और रुरल के अधिकारियों को शामिल करना है।

कई बार मुहिम चलाई पर बीच रास्ते में ही रुक जाती है

नगर निगम ने पालीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल रोकने के लिए कई बार मुहिम चलाई है लेकिन हर बार यह बीच रास्ते में ही रुक जाती है। पिछले सवा साल से कोरोना वायरस ने इस अभियान को रोका हुआ है। इस अभियान के तहत शहरों व कस्बों में निगम व कौंसिल व गांवों में ग्रामीण विकास विभाग और पंचायतें की जिम्मेवारी तय की गई है। निकाय विभाग, रुरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और पंचायतों को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के हिसाब से एक्शन प्लान सबमिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

जालंधर शहर में रोजाना 100 टन प्लास्टिक वेस्ट निकल रहा

पालीथिन कैरी बैग और सिंगल यूथ प्लास्टिक मैटीरियल में शामिल क्राकरी, पानी की बोतलें व अन्य प्लास्टिक मैटीरियल का इस्तेमाल शहर में बढ़ता जा रहा है। निगम के रिकार्ड के मुताबिक ही शहर में रोजाना निकलने वाले करीब 500 टन कूड़े में से 100 टन कूड़ा सिंगल यूज प्लास्टिक का है। यह वह मैटीरियल है जो खत्म नहीं होता और मिट्टी, पानी, हवा को नुकसान पहुंचाता है। नगर निगम के हेल्थ अफसर डा. श्री कृष्ण शर्मा ने कहा कि पालीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक को रैग पिकर्स कूड़े से छांट लेते हैं। मल्टीलेयर प्लास्टिक वरियाणा डंप पर ही जाता है।

कोरोना का असर कम होते ही शुरू होगा एक्शन : हेल्थ अफसर

डा. श्री कृष्ण शर्मा ने कहा कि दो साल पहले सख्ती की थी। उसके नतीजे अच्छे आने शुरू हुए ही थे कि कोरोना लाकडाउन लग गया। दोबारा अभियान शुरू नहीं हो पाया है। कोरोना के केस कम होने के बाद कार्रवाई शुरू करेंगे। पिछली बार बड़ी मात्रा में माल जब्त भी किया गया था। कारखाने बंद करवाए थे। अब सप्लाई तोड़ने का काम करेंगे।

पॉलिथीन के इस्तेमाल पर जुर्माने और केस का प्रावधान

आम पब्लिक : पहली बार 1000 रुपये, दूसरी बार 2000 रुपये और तीसरी बार मामला कोर्ट जाएगा। स्टॉकिस्ट : पहली बार 25 हजार, दूसरी बार 50 हजार और तीसरी बार कोर्ट केस।

निर्माता : पहली बार 50 हजार, दूसरी बार एक लाख और तीसरी बार कोर्ट केस।

chat bot
आपका साथी