एसपी सिंह चौहान बने जालंधर इनकम टैक्स बार के नए अध्यक्ष

एसपी सिंह चौहान को सर्वसम्मति से वर्ष 2021-22 के लिए जालंधर इनकम टैक्स बार का अध्यक्ष चुन लिया गया है। गुलशन कटारिया को सेक्रेटरी पद के लिए मनोनीत किया गया जबकि सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सतिंदरपाल सिंह छाबड़ा होंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 01:28 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:28 PM (IST)
एसपी सिंह चौहान बने जालंधर इनकम टैक्स बार के नए अध्यक्ष
इनकम टैक्स बार (जालंधर) के नए पदाधिकारी अध्यक्ष एसपी सिंह चौहान के साथ। जागरण

जागरण संवाददाता, जालंधर। शुक्रवार को इनकम टैक्स बार (जालंधर) की बैठक में एसपी सिंह चौहान को सर्वसम्मति से वर्ष 2021-22 के लिए अध्यक्ष चुन लिया गया। इस मौके पर गुलशन कटारिया को सेक्रेटरी पद के लिए मनोनीत किया गया।

इसके अलावा सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सतिंदरपाल सिंह छाबड़ा, वाइस प्रेसिडेंट एसके पराशर, गुलशन छाबड़ा, राकेश कुमार, ज्वाइंट सेक्रेट्री ललित कपूर, अमित गाबा, फाइनेंस सेक्रेट्री नरेश कुमार जैन तथा डायरेक्ट टैक्स कमेटी में समीर भाटिया चेयरमैन, अमर लखनपाल, एडवाइजरी कमेटी में सीए जतिंद्र भाटिया, राजेश मदन गुप्ता, वीएम अरोड़ा, एमके जैन, केके गुंबर, जतिंद्र मलिक, प्रेस सचिव जी एस परुथी, राम छाबड़ा, एग्जीक्यूटिव मेंबर्स में एस के कुमार, सुशील शर्मा, अमित जैन, शिव वर्मा, निखिल मक्कड़ चुने गए। इस मीटिंग में नवनियुक्त अध्यक्ष ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी टीम नए इनकम टैक्स पोर्टल पर आ रही समस्याओं के निवारण के लिए उच्च अधिकारियों तथा वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजकर अवगत कराएगी।

इनकम टैक्स पोर्टल की समस्याओं पर की चर्चा

नई टीम चुनने के लिए आयोजित की गई बैठक के दौरान 7 जून को शुरू किए गए इनकम टैक्स पोर्टल पर आ रही समस्याओं और परेशानियों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। बार सदस्यों ने एकमत से इन समस्याओं के बारे में सीबीडीटी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अवगत कराने के लिए ज्ञापन भेजने की मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त फेसलेस एसेसमेंट में आ रही समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई।

सीए जतिंद्र भाटिया ने इनकम टैक्स अधिकारियों द्वारा 148 सेक्शन के नोटिस जो कि 31 मार्च 2021 के बाद भेजे गए, को रद्द किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2021 के बाद भेजे गए 148 के नोटिस अवैध हैं। इस संबंध में बहुत सारी अदालतों की तरफ से स्टे लगा दी गई है।

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