अनंत चौदस से पहले ही डेढ़ लाख श्रद्धालु हुए नतमस्तक, बंदिशों के बीच सोढल मेला आज

सोढल मेला रविवार को है। इससे पहले ही डेढ़ लाख श्रद्धालु माथा टेक चुके हैं। शनिवार को मेले को लेकर चड्ढा बिरादरी ने झंडे की रस्म अदा की। मेले को लेकर तमाम रूट डायवर्ट किए गए हैं। डायवर्ट रूटों पर पुलिस मुलाजिम तैनात कर दिए गए हैं।

By Edited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:45 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:53 AM (IST)
अनंत चौदस से पहले ही डेढ़ लाख श्रद्धालु हुए नतमस्तक, बंदिशों के बीच सोढल मेला आज
अभी तक डेढ़ लाख के करीब श्रद्धालु मंदिर में नतमस्तक हो चुके हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। अनंत चौदस यानी 19 सितंबर को मनाए जा रहे श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि कई दिन पूर्व से ही श्रद्धालुओं की मंदिर में हो रही भारी आमद के बाद मेले का अहसास होने लगा है। बताया जा रहा है कि अभी तक डेढ़ लाख के करीब श्रद्धालु मंदिर में नतमस्तक हो चुके हैं। शनिवार को मेले को लेकर चड्ढा बिरादरी ने झंडे की रस्म अदा की। मेले को लेकर तमाम रूट डायवर्ट किए गए हैं। डायवर्ट रूटों पर एक दिन पहले ही पुलिस मुलाजिम तैनात कर दिए गए हैं। कोरोना काल से पहले मेले में करीब पांच हजार परिवारों को रोजगार भी प्राप्त होता था। जो सोढल मार्ग पर करीब दो किलोमीटर के दायरे में विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाकर कारोबार करते हैं। इस बार दुकानें लगाने की इजाजत न होने के कारण पिछले साल की तरह इस बार भी करीब 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा।

आज इस रूट से ही गुजरें

सोढल मेले को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट किया गया है। इसके तहत वर्कशाप चौक, पटेल चौक, मां चिंतपूर्णी मंदिर टी-प्वाइंट, टांडा रोड रेलवे क्रासिंग, राम नगर, दोआबा चौक, सोढल चौक, सईपुर रोड, इंडस्ट्रियल एरिया, भगत सिंह कालोनी टी-प्वाइंट, संजय गांधी नगर, पठानकोट चौक व लम्मा पिंड से आने वाला ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। इसी तरह पठानकोट चौक से शहर में आने वाला ट्रैफिक दोआबा चौक से किशनपुरा चौक की तरफ डायवर्ट किया गया है। मकसूदां चौक से वर्कशाप चौक, दोआबा चौक व टांडा रोड से मंदिर स्थल तक जाने वाले रास्तों में बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।

मन्नतें पूरी होने पर अर्पित करते हैं 14 रोट का प्रसाद

मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु श्री सिद्ध बाबा सोढल को 14 रोट का प्रसाद अर्पित करते हैं। इसमें सात रोट को प्रसाद के रूप में वापस ले जाते हैं। इस प्रसाद को घर की बेटी ही खा सकती है।

यह है पौराणिक कथा

श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना है। चड्ढा बिरादरी के प्रधान पार्षद विपिन चड्ढा बब्बी बताते हैं कि शुरुआत में यहां जंगल था। एक महर्षि की कुटिया व छोटा सा तालाब था। चड्ढा परिवार की बहू भी महाऋषि की सेवक थी। एक दिन संत ने उसकी उदासी का कारण पूछा तो उसने संतान न होने को कारण बताया। उन्होंने कहा कि बेटी तेरे भाग्य में संतान सुख है ही नहीं। फिर भी भोले भंडारी पर विश्वास रखो। महाऋषि ने भोले भंडारी से प्रार्थना की कि चड्ढा परिवार की बहू को ऐसा पुत्र रत्न दो, जो संसार में आकर अध्यात्म व भक्ति का मार्ग प्रशस्त करे। इस पर भोले बाबा ने नाग देवता को चड्ढा परिवार की बहू की कोख से जन्म लेने का आह्वान किया। जब बालक चार वर्ष का था तो एक दिन वह मां के साथ तालाब पर आया। मां से घर चलकर खाना बनाने को कहने लगा। उनकी मां काम छोड़कर जाने को तैयार नहीं थी। तब बालक ने कुछ देर इंतजार करके तालाब में छलांग लगा दी और आंखों से ओझल हो गया। मां रोने लगी। मां का रोना सुनकर बालक नाग रूप में तालाब से बाहर आए और कहा कि जो भी मुझे पूजेगा उसकी सभी मन्नतें पूरी होंगी। ऐसा कहकर नाग देवता के रूप में बाबा सोढल फिर तालाब में समा गए। तब से बाबा के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास बरकरार है।

मंदिर में न रहे अधिक समय

कोरोना महामारी को लेकर चड्ढा बिरादरी के सेवादार सु¨रदर चड्ढा ने बताया कि बाबा के भक्तों को मंदिर में अधिक समय न रहने का आह्वान किया गया है। इसके अलावा भी कई हिदायतें दी गई हैं। बंद रहेंगे रेलवे क्रा¨सग स्टेशन सुपरिंटेंडेंट आरके बहल ने कहा कि सोढल मेले के चलते चंदन नगर रेलवे क्रा¨सग और राम नगर रेलवे क्रा¨सग बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को यहां से गुजरते समय पूरा ध्यान रखना होगा।

मंदिर के एक किलोमिटर क्षेत्र में नहीं होगी मीट-शराब की बिक्री

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर जिला प्रशासन ने मंदिर के एक किलोमीटर के दायरे में मीट व शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि 19 सितंबर को यह आदेश लागू रहेंगे।

आज क्या होगा 

-चड्ढा बिरादरी की तरफ से हवन यज्ञ का आयोजन सुबह 10 बजे से होगा।

- श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर सुधार सभा का सम्मान समारोह सुबह 11 बजे होगा।

- चड्ढा बिरादरी की तरफ से सेवादारों के लिए लंगर का आगाज दोपहर 12 बजे होगा।

इन बातों का रखें ध्यान

- बच्चों के जेब में मोबाइल नंबर डाल दें

- बच्चों का हाथ न छोड़ें

- असामाजिक गतिविधियों पर रखें नजर

- आभूषण पहनकर आने से परहेज करें

- 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, गर्भवती महिलाएं व 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे मेले से परहेज करें

- लावारिस वस्तुओं के मिलने पर प्रबंधक या फिर पुलिस को सूचित करें

- चेहरे पर मास्क जरूर पहनें।

- शरीरिक दूरी बनाए रखें।

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