अमृतसर में श्री गुरु रामदास सराय तोड़ने के विरोध में उतरे सिख संगठन, बोले- विरासती अस्थानों को तोड़ना तर्कसंगत नहीं
सिख तालमेल कमेटी के प्रमुख तेजिंदर सिंह परदेसी हरपाल सिंह चड्ढा हरप्रीत सिंह नीटू सतपाल सिंह सिद्धकी तथा गुरविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि एसजीपीसी द्वारा इस पवित्र सराय को तोड़ा गया है। लेकिन विरासती अस्थानों को तोड़ना तर्कसंगत नहीं है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। श्री दरबार साहिब अमृतसर के साथ बनी श्री गुरु राम दास सराय को तोड़ने का जिले के सिख संगठनों ने भारी विरोध किया है। उनका आरोप है कि सिखों की धार्मिक तथा ऐतिहासिक अस्थानों को साजिश के तहत प्रभावित किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में आयोजित बैठक में सिख तालमेल कमेटी के प्रमुख तेजिंदर सिंह परदेसी, हरपाल सिंह चड्ढा, हरप्रीत सिंह नीटू, सतपाल सिंह सिद्धकी तथा गुरविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि एसजीपीसी द्वारा इस पवित्र सराय को तोड़ा गया है। भले ही यहां पर नई इमारत बनाने की योजना है, लेकिन विरासती अस्थानों को तोड़ना तर्कसंगत नहीं है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उक्त सराय का निर्माण करवाया गया था। जो 90 वर्षों से घल्लूघारा सहित सिख इतिहास का गवाह था। सराय का सुंदरीकरण भी संभव था, बावजूद इसके इसे गिराया गया है। मामले को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह से सिख ऐतिहासिक स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी। इस अवसर पर उनके साथ विकी खालसा, गुरजीत सिंह सतनामियां, हरप्रीत सिंह रोबिन, प्रभजोत सिंह खालसा, हरविंदर सिंह चितकारा, सनी ओबरॉय, अमनदीप सिंह बग्गा, गुरदीप सिंह, लखबीर सिंह लक्खा, जतिंदर सिंह, बरजिंदर सिंह, हरपाल सिंह पाली चड्ढा, भूपिंदर सिंह, नरेंद्र सिंह, तेजिंदर सिंह संत नगर व मनजिंदर सिंह भाटिया मौजूद थे।