श्री कृष्ण-रुकमणी विवाह और कंस वध का किया बखान
गोशाला प्रबंधक कमेटी द्वारा गोशाला परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालु उमड़े।
संवाद सहयोगी, करतारपुर
गोशाला प्रबंधक कमेटी द्वारा गोशाला परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन श्री कृष्ण-रुकमणी विवाह एवं कंस वध का प्रसंग सुन श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। सारा पंडाल जय श्री कृष्णा के जयकारों से गूंज उठा।
हरिद्वार कनखल से पधारे श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी विज्ञानानंद जी सरस्वती ने प्रवचन करते हुए कहा की अधर्म पर धर्म की विजय हमेशा ही होती आई है। परमात्मा का स्मरण करने से सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। हमेशा धर्म के मार्ग पर चलें। उन्होंने कहा कि अधर्मी मनुष्य को किसी सत्य कर्म का फल नहीं प्राप्त होता है। दूसरों को सुखी देखकर ईष्र्या न करें और किसी का बुरा होता देखकर खुश न हों। अपने द्वारा की गई भलाई और दूसरे के द्वारा की गई बुराई को भूल जाएं। बाद में महिलाओं ने भजनों से मंत्रमुग्ध किया। इस मौके पर गोशाला के प्रधान बलराम गुप्ता, राजकुमार कौशल, सुदर्शन ओहरी, शामसुंदर पटवारी, मास्टर अमरीक सिंह, कुलदीप अग्निहोत्री, सावन मल्हन, ललित मोहन अग्रवाल, राकेश पुरी, स्वामी राहुल, हरिहर महाराज, विनोद शास्त्री, सोहन लाल शास्त्री, स्वामी राम स्वरूप, अशोक गुप्ता, मोहित गुप्ता, रविदर कौर, अनीता अग्रवाल, आरती गुप्ता, मंजू गुप्ता, पूजा शर्मा, तृप्ता कौशल, अजय कुमार, राजू, सत्यम, भारत भूषण शर्मा, रितु गौतम, गीता बाहरी, नंद अग्रवाल, मनीष शर्मा, राजेश शर्मा, मनीष सेठ, ओम प्रकाश, ममता अग्निहोत्री, रानी मल्हन, रुचि मल्हन, कांता रानी वर्मा, गीता बाहरी आदि मौजूद थे।