हरि प्रभु काज रचाया गुरमुख ब्याहन आया... नगर कीर्तन रूपी बाबे की बरात को बटाला के विभिन्न क्षेत्रों में घुमाया
श्री गुरु नानक नानक देव जी और माता सुलखनी के बटाला में हुए 534वें वार्षिक विवाह पर्व में देश-विदेश से करीब डेढ़ लाख संगत माथा टेकने के लिए शामिल हुई। हर तरफ सतनाम वाहेगुरु और धन-धन गुरु नानक के जयकारे लगते रहे।
संजय तिवारी, बटाला/गुरदासपुर। प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी की बरात रूपी विशाल नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में और पांच प्यारों की अध्यक्षता में सुल्तानपुर लोधी के बेर साहिब से रविवार देर रात लगभग चार बजे बटाला के गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब पहुंची। श्री गुरु नानक नानक देव जी और माता सुलखनी के बटाला में हुए 534वें वार्षिक विवाह पर्व में देश-विदेश से करीब डेढ़ लाख संगत माथा टेकने के लिए शामिल हुई। हर तरफ सतनाम वाहेगुरु और धन-धन गुरु नानक के जयकारे लगते रहे। संगत का सैलाब पूरा दिन और देर रात तक सड़कों पर जुटा रहा।
बटाला में बरात के स्वागत के लिए हर तरफ स्वागती गेट और लोगों का हुजूम देखने लायक था। रविवार देर रात बटाला में बरात में शामिल संगत को श्री गुरुद्वारा सतकरतारियां में विश्राम के लिए ठहराया गया। बरात रूपी विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा डेहरा साहिब में ठहरा। सोमवार को बाबे की शादी में शामिल होने के लिए लोग सुबह 5 बजे से ही जुटने शुरू हो गए थे जबकि नगर कीर्तन शुरू करने का समय गुरुद्वारा डेरा साहिब से आठ बजे दिया गया था।
बाबे नानक की पालकी पर देश-विदेश की संगत ने की फूलों की वर्षा
सुबह आठ बजे श्री अकाल तख्त के नुमाइंदों ने सभी पांच प्यारों को सम्मानित किया और नगर कीर्तन शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की। सिंह साहिब ज्ञानी अमरजीत सिंह ने सिर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब को विराजमान करवाया और गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब के बाहर श्री पालकी साहिब में सुशोभित किया। गुरुद्वारा डेहरा साहिब से नगर कीर्तन के शुरू होते ही रास्ते में खड़ी संगत ने पुष्पवर्षा शुरू की दी।
पालकी साहिब के पीछे एक वाहन लोगों को प्रसाद देते हुए चल रहा था तो बहुत से लोग हाथ पक्खियां लेकर पांच प्यारों को हवा दे रहे थे। इसके बाद श्री पालकी साहिब को संगत ने कंधे पर उठा लिया और गुरुद्वारा डेरा साहिब से नगर कीर्तन का प्रारंभ कर दिया। देश-विदेश से आई संगत ने बराती बन विवाह पर्व में हिस्सा ले अपना जीवन धन्य किया। वहीं संगत ने श्री पालकी साहिब का स्वागत करते हुए दुल्हन को पहनाने वाले कलीरे और दूल्हे का सेहरा अर्पित किया।
इन रूटों से गुजरी बाबे की बरात
सोमवार सुबह श्री पालकी साहिब खजूरी गेट, सुखा सिंह मेहताब चौक, काहनूवान रोड, गुरदासपुर रोड, गांधी चौक से होते हुए सिटी रोड उसके बाद गुरुद्वारा श्री कंध साहिब से होते हुए देर रात लगभग 11 बजे वापस गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब में संपन्न हुई।
गतका टीम ने किया शक्ति प्रदर्शन
बरात के आगे-आगे श्री गुरु हरगोबिंद साहिब गतका सोसायटी की टीम गतका कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रही थी। इस गतके में पांच से 15 साल की उम्र के बच्चे भी शामिल थे। संगत ने माथा भी टेका। महिला संगत व पुरुष संगत ने बरात के आगे-आगे सड़क पर झाड़ू लगाया। बरात के आगे एक टेंकर से सड़क पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा था।
सुरक्षा कर्मी रहे मुस्तैद
पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर को सात सेक्टरों में बांटकर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को लगाया था। पुलिस ने सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई ढील नहीं बरती। हर तरफ पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी करीब विभिन्न स्थानों पर मेडिकल बूथ लगाए गए थे। एसएसपी अश्वनी कपूर ने अपने कार्यालय के बाहर बाबे की बरात का स्वागत किया और श्री पालकी साहिब को माथा टेका। इस दौरान पुलिस की ओर से श्री पालकी साहिब को सलामी दी गई। इस अवसर पर मुख्य प्रबंधक एसजीपीसी के सदस्य जत्थेदार गुरिंदरपाल सिंह गोरा, सीनियर मीत प्रधान सुरजीत सिंह, जनरल सचिव एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, गुरनाम सिंह जस्सल, सुरजीत सिंह टुगलवाल, धर्म प्रचार कमेटी सदस्य रत्न सिंह जफरवाल, जिला प्रधान रंमनदीप सिंह संधू, सुखबीर सिंह वाहला, गुरुद्वारा श्री कंध साहिब के मैनेजर गुरतिंदर पाल सिह मांटू उपस्थित थे।
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