आरओडीटीईपी की नई दरों से स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री को झटका, एक फीसद निर्धारित की गई रिफंड की दर
स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री मांग कर रही है कि सरकार को घोषित दरों पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए और उन्हें इस उद्योग के अस्तित्व के लिए बेहतर बनाना चाहिए। चेतावनी दी जा रही है कि अगर उद्योग को नुकसान होता है तो विदेशी मुद्रा व्यापार और रोजगार का भी नुकसान होगा।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। महानगर की स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री को मंगलवार घोषित की गई रिफंड आफ ड्यूटीज एंड टैक्सेस ऑन एक्सपोर्टड प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) की नई दरों ने बड़ा झटका दे डाला है। इंडस्ट्री की तरफ से नई निर्धारित की गई दरों को इंडस्ट्री के साथ एक मजाक बताया जा रहा है। रिफंड की दर एक फीसद तय की गई है। स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री मांग कर रही है कि सरकार को घोषित दरों पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए और उन्हें इस उद्योग के अस्तित्व के लिए बेहतर बनाना चाहिए। चेतावनी दी जा रही है कि अगर उद्योग को नुकसान होता है तो विदेशी मुद्रा, व्यापार और रोजगार का भी नुकसान होगा। इसलिए सरकार को इन दरों में संशोधन करना चाहिए, ताकि निर्यात में यह इंडस्ट्री बनी रह सके।
घोषित की गई दरें एक मजाक: अजय महाजन
स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अजय महाजन।
स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अजय महाजन ने कहा कि मंगलवार को घोषित की गई दरें एक मजाक है। जब हम पूर्व से तुलना करते हैं तो पता चलता है कि कभी सात फीसद रिफंड मिलता था। फिर इसे पांच फीसद किया गया और अब इसे महज एक फीसद कर दिया गया है। जो इस इंडस्ट्री को बिल्कुल भी मदद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इन अव्यवहार्य दरों की घोषणा करने से पहले कम से कम जमीनी हकीकत को ध्यान में रखना चाहिए।
हमारी प्रतिस्पर्धा पाकिस्तान और चीन के साथ: अश्विनी
स्पोर्ट्स गुड्स कारोबारी अश्विनी मागो।
स्पोर्ट्स गुड्स कारोबारी अश्विनी मागो ने कहा कि स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री में कच्चे माल का आयात किया जाता है जिस पर शुल्क का भुगतान किया जाता है। हमारी प्रतिस्पर्धा पाकिस्तान और चीन के साथ है जो निर्यात या निर्यात के मामले में हमसे बहुत आगे हैं क्योंकि उनकी सरकारें खेल इंडस्ट्री से जुड़े हर पहलू पर ध्यान और प्राथमिकता देती हैं। एक तरफ कहां जाता है कि हम आत्मनिर्भर होना चाहते हैं और दूसरी तरफ जब हम निर्यात के बारे में बात करते हैं तो हम उद्योग का समर्थन नहीं करते हैं।
सरकार को दरों में संशोधन करना चाहिए : हेमंत
खेलों के सामान का उत्पादन करने वाले हेमंत पसरीचा।
खेलों के सामान का उत्पादन करने वाले हेमंत पसरीचा ने कहा कि खेलों के सामान के भारतीय निर्यात पर कई देशों में आयात शुल्क भी है, जो पाकिस्तान के लिए नहीं है। इसलिए सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि विदेशी खरीदार ऑर्डर नहीं देंगे। सरकार को घोषित दरों पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए और उन्हें इस उद्योग के अस्तित्व के लिए बेहतर बनाना चाहिए और यदि उद्योग को नुकसान होता है तो विदेशी मुद्रा, व्यापार और रोजगार का भी नुकसान होगा। इसलिए सरकार को इन दरों में संशोधन करना चाहिए ताकि निर्यात में यह इंडस्ट्री जीवित रह सके।